गुजरात के महानगरों पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, सूरत और राजकोट जैसे बड़े शहर अब अपनी क्षमता से ज़्यादा आबादी और ट्रैफ़िक का दबाव झेल रहे हैं. इस चुनौती को देखते हुए, गुजरात सरकार ने इन शहरों के आसपास के इलाकों को पूर्ण विकसित सैटेलाइट शहरों के रूप में तैयार करने का योजना बनाई है.
इस योजना से न केवल मुख्य शहरों पर बढ़ता शहरी दबाव कम होने की उम्मीद है बल्कि यह उन सभी निवेशकों और आम लोगों के लिए दूसरा और बड़ा मौका भी लेकर आया है जो सुनियोजित विकास और बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं. ये सैटेलाइट शहर नई सड़कें, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के अवसर लाएंगे, जिससे ये क्षेत्र भविष्य के सबसे बड़े रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बन सकते हैं.
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मैजिकब्रिक्स की खबर के मुताबिक गुजरात सरकार के नगर विकास विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक एक कमेटी का गठन किया है. इस प्रोजेक्ट के जरिए 5 प्रमुख शहरों के आसपास के इलाकों को विकसित करने की योजना है.
अहमदाबाद के करीब 2 सैटेलाइट सिटी बसाने की योजना है. वहीं वडोदरा के पास एक सैटेलाइट टाउन विकसित किया जाएगा, जो मध्य गुजरात की आवासीय और आद्योगिक जरूरतों को पूरा करने का काम करेगा. सूरत के पास एक शहर बसाने का प्लान है. सूरत डायमंड और कपड़े के उद्योग के लिए मशहूर है, इस सैटेलाइट सिटी से सूरत का बोझ थोड़ा कम होगा. वहीं राजकोट के पास सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए एक सैटेलाइट शहर बसाने का प्लान है. जिससे पश्चिमी गुजरात का विकास होगा.
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माना जा रहा है कि अहमदाबाद-गांधीनगर कॉरिडोर के निकट बसने वाला शहर निवेश के लिए बेहतर हो सकता है. यह गुजरात का सबसे तेज़ी से विकसित हो रहा आर्थिक गलियारा है, जिसमें गिफ्ट सिटी (GIFT City) जैसी विश्व-स्तरीय परियोजनाएं शामिल हैं. दो नए सैटेलाइट शहर बनने से यहां कनेक्टिविटी और रियल एस्टेट की मांग में भारी उछाल आएगा. हालांकि किसी भी निवेश से पहले आप उस इलाके की पूरी जांच जरूर करें.
वहीं सूरत के निकट का सैटेलाइट टाउन भी निवेश के लिए बेहतर हो सकता है. सूरत हीरा और कपड़ा उद्योगों का प्रमुख केंद्र होने की वजह से लोगों के लिए बेहतर हो सकता है, क्योंकि अभी यहां जमीन की कीमतें थोड़ी किफायती हैं, लेकिन आने वाले वक्त में इसके दाम तेजी से बढ़ने का आसार है.
कहीं भी निवेश से पहले, सरकार के आधिकारिक मास्टर प्लान और ज़ोनिंग नियमों की पूरी जानकारी रखें. वहीं शहर के इंफ्रास्ट्रक्टर को भी देखें. हमेशा ऐसे इलाकों में निवेश करना चाहिए जहां सड़क, पानी, बिजली, और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास तेज़ी से हो रहा हो. वहीं उस इलाके में एक्सप्रेसवे, रिंग रोड और कॉरिडोर जैसी परिवहन कनेक्टिविटी पर भी नजर रखना जरूरी है.
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