सार्वजनिक कंपनी NTPC ने कहा है कि उत्तराखंड में चमोली के पास तपोवन में उसके निर्माणाधीन हाईड्रोपावर प्लांट को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन आर्थिक नुकसान ज्यादा नहीं है. कंपनी ने कहा कि उसके पास इस नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त बीमा है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को ग्लेशियर टूटने से तपोवन में स्थित NTPC प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ है. ऊपर से आया मलबा इस प्रोजेक्ट के टनल में फंस गया.अच्छी बात ये है कि इस टनल में फंसे सभी 16 लोगों को निकाल लिया गया.
करीब 120 लोग कर रहे थे काम
जोशीमठ के रैणी गांव में रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया. इसका पानी सबसे पहले तपोवन स्थित NTPC के पावर प्रोजेक्ट में ही आया. अचानक हुए इस हादसे की वजह से लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला. रिपोर्ट के मुताबिक NTPC के इस प्रोजेक्ट में लगभग 120 लोग काम कर रहे थे.
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क्या कहा ने NTPC ने
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एनटीपीसी ने कहा कि तपोवन के उसके पावर प्लांट का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन आर्थिक नुकसान इतना ज्यादा नहीं है कि सेबी के नियम के मुताबिक उसकी जानकारी शेयर बाजार को देनी पड़े.
स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में एनटीपीसी ने कहा है, 'उत्तराखंड के तपोवन में विष्णुगढ़ इलाके के एक एवेलांच से हमारे निर्माणाधीन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है. राहत कार्य जारी हैं और हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. इस नुकसान/क्षति के लिए पर्याप्त बीमा उपलब्ध है. लेकिन एनटीपीसी लिमिटेड के कामकाज के आकार को देखते हुए इस घटना का असर कंपनी पर इतना ज्यादा नहीं है कि उसे सेबी के रेगुलेशन के मुताबिक आर्थिक नुकसान माना जाए.'
विशाल उत्पादन क्षमता
गौरतलब है कि एनटीपीसी की अकेले की उत्पादन क्षमता 51,310 मेगावॉट की है और इसके ग्रुप की क्षमता 63,925 मेगावॉट की है. इसकी तुलना में तपोवन विष्णुगढ़ पावर प्लांट सिर्फ 520 मेगावॉट का बहती नदी का प्रोजेक्ट है. इसका निर्माण धौलीगंगा नदी पर हो रहा था.
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