अमेरिका में CM योगी के मंत्री, वापसी से पहले आई गुड न्यूज... बन गई बात, बुलडोजर की भी चर्चा!

आईटी कैंपस बनाने के लिए यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने न्यूयॉर्क में इनफाइनाइट कंप्यूटर सॉल्यूशंस के चेयरमैन संजय गोविल से मुलाकात की. इसी बैठक में नए आईटी कैंपसों पर चर्चा हुई. इसकी जानकारी यूपी सरकार ने ट्वीट करके दी है.

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उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर अमेरिका में चर्चा उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर अमेरिका में चर्चा

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

योगी सरकार यूपी को आईटी हब (IT Hub) के तौर पर स्थापित करने के लिए निवेश को बढ़ावा देने की मुहिम में जुट गई है. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दिल्ली से सटे नोएडा में दो नए आईटी कैंपस (IT Campus) बनाने की योजना बनाई गई है. इन कैंपस को बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इस निवेश से यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाने के साथ ही हजारों नई नौकरियों के मौके पैदा करने का मौका भी मिलेगा.

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इनफाइनाइट कंप्यूटर सॉल्यूशंस करेगी निवेश
आईटी कैंपस बनाने के लिए यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने न्यूयॉर्क में इनफाइनाइट कंप्यूटर सॉल्यूशंस के चेयरमैन संजय गोविल से मुलाकात की. इसी बैठक में नए आईटी कैंपसों पर चर्चा हुई. इसकी जानकारी यूपी सरकार ने ट्वीट करके दी है. ये ट्वीट UP Investors Summit के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया है. इसके मुताबिक ‘वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल इनफाइनाइट कंप्यूटर सॉल्यूशंस के चेयरमैन संजय गोविल से मिला. ये बैठक मंगलवार को न्यूयॉर्क में हुई थी. इस मुलाकात में नोएडा और लखनऊ में आईटी कैंपस बानाने पर बातचीत हुई. इन कैंपसों के लिए कंपनी 500 करोड़ का निवेश करेगी जिसके लिए यूपी सरकार के साथ MoU किया जाएगा.

'बुलडोजर सीएम' से प्रभावित हैं निवेशक!
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी इस समय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर अमेरिका में हैं. उन्होंने कहा कि हम डिफेंस, फाइनेंशियल, IT और दूसरे सेक्टर की कंपनियो के प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं. इसके साथ ही हमने यहां रहने वाले भारतीय समदुाय से भी बातचीत की है. इनमें से कई लोग यूपी के मुख्यमंत्री को बुलडोजर सीएम कहकर संबोधित करते हैं. हमें उम्मीद है कि इनमें से भी कई लोग यूपी में निवेश करेंगे.

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4000 नौकरियों के मौके मिलेंगे
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने भी इस मुलाकात के बारे में ट्वीट करके जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है कि, मैं संजय गोविल से मिला और उन्होंने उत्तर प्रदेश में निवेश का भरोसा दिया है. आईटी की सहायता से सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र बेहतर होगा. ये भारत और उत्तर प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम है. इससे प्रदेश में 4 हज़ार से ज्यादा लोगों को नौकरी मिलेगी. 2-3 हफ्ते में इस पर काम शुरू होने की संभावना है

कई देशों में पहुंचा यूपी सरकार का प्रतिनिधिमंडल
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार इसी तरह अलग-अलग प्रतिनिधियों का समूह अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और ब्राजील समेत अलग-अलग देशों में जा रहा है. इन देशों में ये प्रतिनिधिमंडल वहां के निवेशकों से मिल रहा है जिससे उन्हें उत्तर प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा सके.

फरवरी 2023 में यूपी में ग्लोबल इनवेस्टर समिट
उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने वाली है. यूपी सरकार का इस समिट के जरिए 10 लाख करोड़ रुपये निवेश लाने का लक्ष्य है. ऐसे में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूपी सरकार के अलग अलग प्रतिनिधिमंडल कई देशों की यात्रा पर हैं.

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यूपी को मिली बड़े निवेश की सौगात
यूपी सरकार की कोशिशों के चलते हाल ही में कई बड़े निवेश सौदों पर साइन किए गए हैं. यूपी में निवेश के लिए विदेशों में किए जा रहे रोड शो में राज्य के प्रतिनिधिमंडल को भरपूर समर्थन मिल रहा है. अभी तक हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक, टेक्सटाइल समेत कई सेक्टर्स में व्यापारिक समूहों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है. कनाडा की कंपनी माय हेल्थ सेंटर के सीईओ सुरेश मदान ने कानपुर में मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज और मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल के साथ 2050 करोड़ रुपये के एमओयू पर भी साइन किए हैं.

9 सेक्टर्स में अमेरिकी कंपनियों की दिलचस्पी
अमेरिकी कंपनियों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी 9 सेक्टर्स में है. अमेरिकी कंपनियों को जिन सेक्टर्स में निवेश करना फायदेमंद लग रहा है उनमें शामिल हैं IT और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, डिफेंस और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइसेज, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल. इसके अलावा वेंचर कैपिटलिस्ट भी बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश में निवेश को तैयार हैं. इसकी वजह है यूपी में मौजूद 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क किया जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि राज्य के स्टार्टअप्स में अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी होने से यूपी में यूनिकॉर्न की संख्या में तेज इजाफा होगा.

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आईटी सेक्टर में आएंगी दिग्गज कंपनियां
यूपी में ग्लोबल इनवेस्टर समिट में कई दिग्गज कंपनियां यहां के IT सेक्टर में निवेश का एलान कर सकती हैं. इन टेक कंपनियों में शामिल हैं एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी. लेकिन इसके अलावा भी दूसरे सेक्टर्स की कई नामी कंपनियां यूपी में निवेश करने पर विचार कर रही हैं जिनमें बड़े नाम हैं जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, एयरबस एसई, दि बोइंग कंपनी. फार्मा एंड मेडिकल सेक्टर में जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, एब्बोट लैबोरेटरीज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन शामिल हैं. एनर्जी सेक्टर में जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न शामिल हैं वहीं ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स शामिल हैं.

 

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