सहारा समूह अब भी नहीं दे रहा 62,600 करोड़ रुपये! सेबी की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सहारा समूह 2012 और 2015 के कोर्ट के आदेशों का पालन करने में विफल रहा है जिसमें कहा गया था कि वह निवेशकों से जमा रकम को 15 फीसदी ब्याज सहित वापस करे. इस बारे में सेबी ने बुधवार को एक याचिका दायर की है. 

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सहारा समूह की सेबी से लंबी लड़ाई सहारा समूह की सेबी से लंबी लड़ाई

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 20 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:05 AM IST
  • सेबी ने कहा कि सहारा को अब भी देने हैं 62,600 करोड़
  • SC में याचिका दायर कर की दोषियों के हिरासत की मांग
  • सहारा समूह ने किया इनकार, कहा-जमा कर दिये हैं पूरे पैसे

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी दो कंपनियों से 62,600 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में सेबी की एक याचिका से यह खुलासा हुआ है. सेबी ने कहा है कि ​यदि कंपनी निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा नहीं करती है तो दोषी लोगों को हिरासत में लिया जाए. 

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सहारा समूह 2012 और 2015 के कोर्ट के आदेशों का पालन करने में विफल रहा है जिसमें कहा गया था कि वह निवेशकों से जमा रकम को 15 फीसदी ब्याज सहित वापस करे. इस बारे में सेबी ने बुधवार को एक याचिका दायर की है. 

कई साल से चल रहा टकराव 

गौरतलब है कि कभी एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य खड़ा करने वाले सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय की निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये की वापसी को लेकर सेबी से पिछले कई साल से टकराहट चल रही है. निवेशकों ने समूह की बॉन्ड योजनाओं में ये पैसा जमा किया है, जिसे सेबी अवैध बता चुका है. 

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इस मामले में सुनवाई में न पहुंचने और कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में सुब्रत रॉय को साल 2014 में गिरफ्तार भी किया गया था और साल 2016 से ही वजह जमानत पर चल रहे हैं. सुब्रत रॉय लगातार इस बात से इंकार करते रहे हैं कि वह कुछ गलत कर रहे हैं और उनका कहना है कि कंपनी लीगल तरीके से पैसे जमा कर रही है और मैच्योरिटी पर निवेशकों का पैसा वापस भी किया जाता है. 

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हिरासत की मांग 

सेबी ने कहा है कि पिछले साल से नियमों का सहारा द्वारा पालन न करने की वजह से उसे 'काफी असुविधा' हो रही है और ​यदि कंपनी निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा नहीं करती है तो दोषी लोगों को हिरासत में लिया जाए. 

सेबी ने कहा, 'सहारा ने उसके आदेशों और निर्देशों के पालन का कोई प्रयास नहीं किया है. कानून का मखौल बनाने वाले की लायबिलिटी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और उन्हें हिरासत से रिहाई का सुख मिल रहा है.' सेबी ने बताया कि सहारा ने मूलधन का सिर्फ कुछ हिस्सा जमा किया है और अब भी ब्याज सहित बकाया रकम 62,600 करोड़ रुपये का है. 

क्या कहना है सहारा समूह का 

दूसरी तरफ सहारा समूह के प्रवक्ता ने इससे इनकार करते हुए कहा कि कंपनी ने 22000 करोड़ रुपये जमा कर दिये हैं और सेबी 'शरारती' तरीके से ब्याज जोड़कर पूरी रकम को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है. 

 

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