PMC जमाकर्ताओं की इस बार भी 'काली दिवाली'! आमरण अनशन की दी चेतावनी

PMC के खाताधारियों ने खुद को पाई-पाई का मोहताज बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को पत्र लिखा है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि लगातार दूसरे साल उन्हें काली दिवाली मनानी होगी और उनके जीवन से खुशियां हमेशा के लिए छीन चुकी हैं.  

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पीएमसी जमाकर्ताओं ने प्रदर्शन की दी है चेतावनी (फाइल फोटो: PTI) पीएमसी जमाकर्ताओं ने प्रदर्शन की दी है चेतावनी (फाइल फोटो: PTI)

पंकज उपाध्याय

  • मुंबई ,
  • 10 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • पिछले साल से ही परेशान हैं PMC के डिपॉजिटर्स
  • ​दूसरी दिवाली आ गई, पर उनको अभी राहत नहीं
  • जमाकर्ताओं ने RBI गवर्नर को लिखा लेटर

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC) के खाताधारियों ने खुद को पाई-पाई का मोहताज बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को पत्र लिखा है. चिट्ठी में लिखा है कि लगातार दूसरे साल उन्हें ‘काली दिवाली’ मनानी होगी और उनके जीवन से खुशियां हमेशा के लिए छीन चुकी हैं.  

पत्र में कहा गया है कि पीएमसी घोटाले के पीड़ित जमाकर्ता 22 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसमें न सिर्फ खाताधारियों की परेशानियों को बताया जाएगा बल्कि एजेंसी की लापरवाही को भी उजागर किया जाएगा. 

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RBI को लिखे लेटर में क्या कहा 

पत्र के मुताबिक, 'बैंकिंग विनियमन अधिनियम (संशोधन 2020) के पास होने के बावजूद, जिसे आपने पुनर्निर्माण का शक्तिशाली औजार बताया, आपने जमाकर्ताओं की ओर से दिए गए विलय के प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया है. ये प्रस्ताव एक बैंक को अधिग्रहण करने के लिए आसान और निश्चित रूप से मुनाफेवाला रास्ता है.' 

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पत्र में कहा गया है, 'ऐसा लगता है कि आरबीआई अपना वक्त ले रहा है जबकि जमाकर्ता दिन प्रति दिन मर रहे हैं. यह उस सुस्ती का जारी रहना है जो पिछले 10 वर्षों के दौरान आरबीआई की ओर से दिखाई गई थी. जब इसकी जिम्मेदारी जमाकर्ताओं के हित में पीएमसी बैक का निरीक्षण और ऑडिट करने की थी.'

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे

जमाकर्ताओं के मुताबिक वे आरबीआई के सामने 10 दिन के लिए क्रमिक अनशन करेंगे और फिर भी कोई फैसला नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे.

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पत्र में कहा गया है,  'ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने आरबीआई के सामने ही खुदकुशी की बात कही है, हम ऐसे किसी भी कदम का सख्ती से विरोध करते हैं और हमने उन्हें समझाया कि उनका जमा पैसा उन्हें निश्चित रूप से वापस मिलेगा. ये हमारे पास आखिरी उपाय है जिससे हम उन्हे शांत कर सकते हैं. ये क्या आपकी (आरबीआई की) सिर्फ नैतिक ही नहीं प्रशासनिक जिम्मेदारी भी है कि जमाकर्ताओं को आगे सदमे से बचाएं. हमने अपने प्लान की रूपरेखा बना ली है और गेंद अब आपके पाले में है.'

 

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