देश में निवेश जुटाने के लिए PM मोदी 15 ग्लोबल फंड हाउस के प्रतिनिधियों से करेंगे मुलाकात 

आर्थिक मामले विभाग (DEA) के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि दुनियाभर के कई फंड हाउस हमारे संपर्क में हैं जो यहां के अच्छे इन्फ्रा एसेट में निवेश करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री इन फंड हाउस से खासकर भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश पर चर्चा करेंगे. 

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PM मोदी करेंगे फंड हाउस प्रतिनिधियों से मुलाकात (फाइल फोटो: PIB) PM मोदी करेंगे फंड हाउस प्रतिनिधियों से मुलाकात (फाइल फोटो: PIB)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 22 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST
  • पीएम मोदी करेंगे फंड हाउस प्रतिनिधियों से मुलाकात
  • इन्फ्रा सेक्टर में बड़े निवेश की है दरकार
  • 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में निवेश जुटाने के लिए जल्दी ही 15 ग्लोबल फंड हाउसेज के प्रतिनिधियों से मिलेंगे. आर्थिक मामले विभाग (DEA) के सचिव तरुण बजाज ने यह जानकारी दी है. प्रधानमंत्री इन फंड हाउस से खासकर भारत की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश पर चर्चा करेंगे. 

बजाज ने कहा कि इसके अलावा सरकार रिजर्व के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि भारत को ग्लोबल बॉन्ड सूचकांकों में शामिल किया जा सके. इससे बॉन्ड मार्केट में फ्लो बढ़ेगा.

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कई फंड हाउस संपर्क में  

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बजाज ने सीआईआई द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कहा कि दुनियाभर के कई फंड हाउस हमारे संपर्क में हैं जो यहां के अच्छे इन्फ्रा एसेट में निवेश करना चाहते हैं. वे ज्यादा रिटर्न नहीं चाहते हैं लेकिन टिकाऊ रिटर्न चाहते हैं. प्रधानमंत्री जल्दी ही दुनिया के 15 प्रमुख फंड हाउसों से मिलेंगे और उनसे सुझाव लेंगे. 

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बजाज ने कहा, 'नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में भी हम इस बात पर काम कर रहे हैं कि सरकारी क्षेत्र से कितना पैसा आ सकता है और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से कितनी राशि की जरूरत है.' 

7 हजार प्रोजेक्ट की पहचान 

गौरतलब है कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और नौकरियों के सृजन के लिए एक सरकारी टास्कफोर्स ने अगले पांच साल में कुल 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत बतायी है. इस टास्क फोर्स ने इसके लिए 7,000 परियोजनाओं की पहचान की है. 

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बजाज ने बताया कि कनाडा, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के पेंशन फंड्स ने सरकार से संपर्क किया है. सरकार भी नियमों में बदलाव के लिए घरेलू इंश्योरेंस और पेंशन फंड नियामकों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए स्थाई पूंजी प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा कि ईपीएफओ इस मामले में बहुत सक्रिय है. 

 

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