पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 9 रुपये लीटर बढ़ोतरी जरूरी, चुनाव के बाद होगा इजाफा?

पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी. जो अब बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST
  • कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उबाल
  • रूस-यूक्रेन युद्ध से कच्चा तेल 110 डॉलर प्रति बैरल के पार

देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) के अगले हफ्ते होने के साथ ही पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम बढ़ने शुरू हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो चुकी है. इससे तेल कंपनियों को सामान्य मार्जिन हासिल करने को लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम में 9 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी करने की जरूरत है. 

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दरअसल, रूस से तेल की सप्लाई में दिक्कत की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गए.

कच्चे तेल में उबाल 

पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) के मुताबिक, भारत जो कच्चा तेल खरीदता है, उसके दाम एक मार्च को 102 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गए. ईंधन का यह मूल्य अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं. 

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी. ब्रोकरेज फर्म जे पी मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, 'अगले हफ्ते तक राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे. अनुमान है कि इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं.'

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तेल कंपनियों को  5.7 रुपये प्रति लीटर का घाटा

कच्चे तेल के दाम चढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल पर 5.7 रुपये प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है. 

जे.पी. मॉर्गन के मुताबिक तेल विपणन कंपनियों को सामान्य विपणन मुनाफा प्राप्त करने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है. घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में लगातार 118 दिन से कोई बदलाव नहीं किया गया है.

ATF की कीमतों में इस साल 5वीं बार बढ़ोतरी 

वहीं देश में विमान ईंधन की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. मंगलवार को विमान ईंधन की कीमतों में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते इस साल विमान ईंधन या एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में यह 5वीं बढ़ोतरी है. 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में एटीएफ की कीमत 3,010.87 रुपये प्रति किलोलीटर या 3.22 फीसदी बढ़कर 93,530.66 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई. 

10 मार्च को परिणाम

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजलों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. उत्तर प्रदेश मे सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा और उत्तर प्रदेश समेत सभी पांच राज्यों के लिए मतगणना 10 मार्च को होनी है. 

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