PayU ने कैंसिल की इस भारतीय कंपनी के साथ डील, 38400 करोड़ रुपये में हुआ था सौदा

PayU-BillDesk Deal Terminated: नीदरलैंड की पेमेंट सेवाएं देने वाली PayU की मूल कंपनी वैश्विक इन्वेस्टमेंट फर्म प्रॉसस एनवी (Prosus NV) ने भारतीय पेमेंट प्लेटफॉर्म बिलडेस्क के अधिग्रहण की डील को कैंसिल कर दिया है. ये डील 4.7 बिलियन डॉलर (38,400 करोड़ रुपये से ज्यादा) में हुई थी.

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PayU नहीं करेगा बिलडेस्क का अधिग्रहण PayU नहीं करेगा बिलडेस्क का अधिग्रहण

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

भारतीय कंपनी बिलडेस्क को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, नीदरलैंड की पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर फर्म पेयू PayU के साथ इसकी डील कैंसिल हो गई है. यानी अब पे यू कंपनी बिलडेस्क का अधिग्रहण नहीं करेगी. गौरतलब है कि दोनों कंपनी के बीच हुए इस सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की मंजूरी भी मिल चुकी थी. 

4.7 बिलियन डॉलर की थी डील
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, PayU और Billdesk के बीच हुई डील रद्द कर दी गई है. PayU की मूल कंपनी वैश्विक इन्वेस्टमेंट फर्म प्रॉसस एनवी (Prosus NV) ने भारतीय पेमेंट प्लेटफॉर्म बिलडेस्क के अधिग्रहण की डील को कैंसिल कर दिया है. ये डील 4.7 बिलियन डॉलर (38,400 करोड़ रुपये से ज्यादा) में हुई थी. नीदरलैंड की कंपनी ने बिलडेस्क के अधिग्रहण का ऐलान 31 अगस्त को किया था. 

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सौदे को मिल चुकी थी CCI की मंजूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, Prosus NV ने इस संबंध में जारी अपने बयान में कहा है कि इस डील से जुड़ी कुछ जरूरी शर्तों के पूरा नहीं हो पाने के कारण प्रॉसस ने अब इस सौदे को रद्द घोषित कर दिया है. इसमें आगे कहा गया कि इस अधिग्रहण सौदे में होने वाला लेन-देन विभिन्न शर्तों के अनुपालन पर निर्भर था जिसमें CCI की मंजूरी भी शामिल थी. बता दें इस डील को 5 सितंबर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी मिल गई थी. 

ये रही डील टूटने की बड़ी वजह
PayU के साथ Billdesk की इस डील से में शामिल कुछ शर्तें सौदा पूरा होने की तय तिथि 30 सितंबर 2022 तक पूरी नहीं हो पाईं थीं. जो कि इस डील के कैंसिल होने की सबसे बड़ी वजह रही. हालांकि, इस डील से जुड़ी कौन-कौन सी ऐसी शर्तें थीं, जो कि अधूरी रह गईं उनके बारे में नीदरलैंड की फर्म द्वारा जानकारी साझा नहीं की गई है. कंपनी की ओर से कहा गया कि शर्तों के तय समय तक पूरा ना होने से ये करार अपने आप ही रद्द हो गया है. 

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साल 2000 में शुरू हुई थी Billdesk
अगर यह डील पूरी हो जाती तो PayU वैश्विक स्तर पर पेमेंट वॉल्यूम के हिसाब से ऑनलाइन पेमेंट सेवाएं मुहैया कराने वाली अग्रणी कंपनी बन जाती. गौरतलब है कि मुंबई स्थित ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनी Billdesk की स्थापना 2000 में हुई थी. इसे एम एन श्रीनिवासु, अजय कौशल और कार्तिक गणपति ने शुरू किया था. इस 38,400 करोड़ रुपये की डील का कैंसिल होना कंपनी के लिए बड़ा झटका है. 

 

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