भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश में बहुत जल्द नए अर्बन को-ओपरेटिव बैंकों को खोलने के लाइसेंस जारी कर सकता है. केन्द्रीय बैंक ने 17 साल पहले बंद हो चुकी इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के संकेत दिए हैं. साथ ही सरकार के नए बनाए सहकारिता मंत्रालय की भी इसमें अहम भूमिका होगी.
इन्हें मिल सकता है लाइसेंस
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग और बढ़िया मैनेजमेंट वाली को-ओपरेटिव क्रेडिट सोसायटियों को नए अर्बन को-ओपरेटिव बैंक का लाइसेंस दिया जा सकता है. वहीं 100 करोड़ रुपये से अधिक की जमा रखने वाले अर्बन को-ओपरेटिव बैंकों के लिए मैनेजमेंट बोर्ड बनाने और इनके राष्ट्रीय संगठन (भारतीय बैंक संघ की तरह) बनाने के नियम तैयार करने पर काम चल रहा है.
नया सहकारिता मंत्रालय तय करेगा भविष्य
खबर के मुताबिक सरकार ने हाल में जो नया सहकारिता मंत्रालय बनाया है , वो इन अर्बन को-ओपरेटिव बैंकों के नियमों और भविष्य तय करने के लिए समीक्षा करेगा. केन्द्रीय बैंक से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के हवाले से खबर में कहा गया है कि संसद के मानसून सत्र के बाद सहकारिता मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय इस दिशा में काम कर सकते हैं. नए सहकारिता मंत्रालय का प्रभार गृहमंत्री अमित शाह को दिया गया है.
इनको मिल सकती है कमान
अधिकारियों का मानना है कि इसके लिए RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन की अध्यक्षता में ‘शीर्ष शहरी सहकारी बैंकों पर विशेषज्ञ समिति’ 15-20 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. RBI ने इस समिति का गठन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक के लिए अब तक उठाए गए रेग्युलेटरी कदमों और उनके पिछले 5 साल के असर का आकलन करने के लिए बनाया है.
देश में अभी इतने अर्बन को-ओपरेटिव बैंक
देश में अभी 1,539 अर्बन को-ओपरेटिव बैंक बचे हैं. वर्ष 2004 में जब इनके लाइसेंस देने बंद हुए तब देश में करीब 1,926 अर्बन को-ओपरेटिव बैंक थे. बीते कुछ समय में RBI अर्बन को-ओपरेटिव बैंकों के प्रबंधन और नियमन को लेकर सख्त हुआ है. PMC Bank के फेल होने के बाद उसने अपनी सख्ती को और बढ़ाया है.
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