28 अप्रैल के बाद महंगा हो सकता है रिफाइंड ऑयल, क्या होगा इंडोनेशिया के इस कदम का असर?

Refined Oil Price: पाम ऑयल का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन करने वाले देशों में शुमार इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगा दी है. इसका असर घरेलू मार्केट पर भी देखने को मिल सकता है.

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इंडोनेशिया ने उठाया है सख्त कदम इंडोनेशिया ने उठाया है सख्त कदम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST
  • जोको विडोडो ने की घोषणा
  • अमेरिकी मार्केट में चढ़े रेट

इंडोनेशिया पाम ऑयल (Palm Oil) के एक्सपोर्ट पर बैन का ऐलान कर दिया है. ये बैन 28 अप्रैल से अगले नोटिस तक के लिए प्रभावी होगा. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने शुक्रवार को कुकिंग ऑयल और कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगाए जाने का ऐलान किया. इंडोनेशिया ने घरेलू स्तर पर कुकिंग ऑयल की कीमतों में उछाल को देखते हुए ये कदम उठाया है. 

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जोको विडोडो ने कही ये बात

विडोडो ने कहा है कि घरेलू स्तर पर फूड प्रोडक्ट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा, "मैं इस पॉलिसी के क्रियान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करूंगा ताकि देश में कुकिंग ऑयल की पर्याप्त उपलब्धता और अफोर्डेबिलिटी सुनिश्चित हो."

अमेरिकी मार्केट में चढ़े रेट

इंडोनेशिया के बैन के बाद अमेरिकी सोया ऑयल के फ्यूचर प्राइस में तीन फीसदी का उछाल देखने को मिला. यह 84.03 सेंट प्रति पाउंड पर पहुंच गया. 

भारत पर पड़ेगा ये असर

सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा, "इस कदम का असर सबसे बड़े खरीदार भारत के साथ-साथ अन्य मार्केट्स पर भी पड़ेगा क्योंकि पाम ऑयल दुनिया में सबसे ज्यादा कंज्यूम किया जाने वाला ऑयल है."

उन्होंने कहा, "यह कदम वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से अप्रत्याशित था."

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ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचे दाम

इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे सबसे बड़े उत्पादकों में कमजोर उत्पादन के बीच इस साल पाम ऑयल की कीमतें ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं. इससे पहले जनवरी में भी इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर पाबंदियां लगाई थी. इसका भी असर कीमतों पर देखने को मिला था. हालांकि, बाद में इंडोनेशिया ने पाबंदियों को हटा लिया था.

इसी बीच, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर एडिबल ऑयल मार्केट में तेजी देखने को मिली है. इसकी वजह ये है कि रूस-यूक्रेन का क्षेत्र सनफ्लावर ऑयल के निर्यात के लिए जाना जाता है. युद्ध की वजह से इसके शिपमेंट पर असर पड़ा है.

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