नोएडा में बिल्डर के खिलाफ घर खरीदारों का प्रदर्शन अब आम बात हो गई है. रविवार को सेक्टर- 117 स्थित यूनिटेक के बायर्स ने बिल्डर और मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल, कुछ लोगों ने जीवनभर की गाढ़ी कमाई घर खरीदने में लगा दी, और पिछले 15 साल से घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं. जबकि यूनिटेक की तरफ से केवल तारीख मिल रही है.
अब खरीदारों के सब्र का बांध टूट रहा है, सैकड़ों बायर्स और रेजिडेंट्स ने बिल्डर और मैनेजमेंट के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. हाथ मे पोस्टर लिए लोग गुहार लगाते दिखे. यूनिटेक यूनीहोम्स प्रोजेक्ट के बायर्स ने साल 2008 में फ्लैट बुक कराने के बाद से ही गृह प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं.
15 साल से तारीख पर तारीख
कुछ लोग तो मजबूरी में अधूरे बने सोसायटी में रहने लगे हैं. लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ रही है. अधिकतर खरीदारों ने बिल्डर को 100% तक पेमेंट कर दिया है. लेकिन इसके बावजूद 15 साल बीतने के बाद भी उन्हें अपना घर नहीं मिला है. बिल्डर जेल में है, दूसरा मैनेजमेंट आया. लेकिन प्रोजेक्ट अबतक पूरा नहीं हो पाया है.
बता दें, यूनिटेक के पास कुल 74 आवासीय और 12 कमर्शियल परियोजनाएं हैं, जिसमें से अभी भी 49 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और 14,306 फ्लैट/यूनिट बायर्स को पजेशन का इंतजार है. प्रदर्शन कर रहे बायर्स के मुताबिक सरकार ने एक बोर्ड नियुक्त किया था, जिसमें प्रतिष्ठित लोग भी शामिल थे. लेकिन बोर्ड के गठन के तीन साल के बाद भी नया प्रबंधन एक भी फ्लैट का निर्माण नहीं करा सका है.
सड़क पर उतरकर बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह बोर्ड और उनकी योजनाएं घर खरीदारों को राहत देंगी, लेकिन फिलहाल बायर्स को कोई राहत नहीं दिख रही है. बायर्स के मुताबिक वो लोग फ्लैट न मिलने से दोहरी बोझ झेल रहे हैं. पहला बैंक की EMI और फिर घर का किराया.
इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई फरवरी 2023 में हुई थी. उसके बाद यूनिटेक की साइटों पर एक ईंट भी नहीं लगी है. यूनीहोम्स में जिन लोगों को फ्लैट की डिलीवरी मिली है, उनकी हालत भी बेहद खराब और असुरक्षित स्थिति में रहने को मजबूर है, यहां रहने वाले लोग भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने बताया की लिफ्ट खराब होने की वजह से बुजुर्ग लोग ऊपर से नीचे नहीं आ पाते हैं, बिजली और पानी की समस्या तो यहां आम बात है.
भूपेन्द्र चौधरी