Succession Plan: कैसे कंपनियां चुनती हैं उत्तराधिकारी? चार पैमाने... आसान नहीं है प्रोसेस!

किसी भी बिजनेसमैन के लिए अपने उत्तराधिकारी का चुनाव करना बेहद मुश्किल काम होता है. इसके लिए कंपनियों के मालिक ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जो उनकी योजना के साथ कंपनी के हितों का भी ध्यान रखे और कारोबार को आगे बढ़ाए. इसलिए लीडरशिप में बदलाव हमेशा चुनौती वाला काम होता है.

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उत्तराधिकारी की प्लानिंग उत्तराधिकारी की प्लानिंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

किसी भी कंपनी को स्थिरता के साथ लंबे समय तक चलाने के लिए उत्तराधिकारी प्लान (Succession Plan) होना बेहद जरूरी है. क्योंकि कई बार कंपनियों के मालिक अपने उत्तराधिकारी को लेकर प्लानिंग नहीं कर पाते हैं. इस वजह से कंपनियों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित होता है. वहीं, जो बिजनेसमैन अपने कारोबार को प्लानिंग के तहत उत्तराधिकारी कौ सौंपते हैं. उनका बिजनेस पीढ़ी दर पीढ़ी सफलता की नई ऊंचाई छूता है. इसलिए कहा जाता है कि किसी भी कंपनी के लिए उत्तराधिकारी प्लान जरूरी होता है. 

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इन 4 बातों का रखें ध्यान

'बिजनेस टुडे' में छपी खबर के अनुसार, सीनियर एसोसिएट पीएसएल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर हिमेश ठाकुर उत्तराधिकारी योजना को लागू करने के लिए चार अहम प्वाइंट बताते हैं. वो कहते हैं कि सबसे पहले अंत को ध्यान में रखकर उत्तराधिकारी की प्लानिंग शुरू करें. किसी खास भूमिका के लिए स्किल, कैपेसिटी और अन्य आवश्यक जरूरतों को ध्यान में रखकर उत्तराधिकारी की पहचान करें. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि व्यक्ति इंक्लूसिव हो.

इन चीजों का रखें ध्यान

दूसरा उन भूमिकाओं के बारे में स्पष्ट रहें जिन्हें उत्तराधिकारी योजना के समय भरने की जरूरत होगी. इसके अलावा उन रोल्स को लेकर भी अपनी योजना साफ रखें, जिनकी जगह किसी को फिर से हायर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तीसरी चीज उत्तराधिकारी योजना के लिए जरूरी है कि बदलाव की प्लानिंग में पूरी तरह से एक्टिव रहें. चौथी जरूरी चीज है कि कम से कम पांच साल आगे की प्लानिंग करें और शॉर्ट टर्म गोल सेट करें. साथ ही किसी भी तरह की अनिश्चितता के लिए भी प्लान तैयार करें. 

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सबसे मुश्किल काम

किसी भी कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक लीडरशिप को रिप्लेस करना होता है. इसके लिए अगर कोई रणनीति नहीं है, तो कंपनी का काम मुश्किल समय में प्रभावित हो सकता है. इसलिए एक फर्म को उत्तराधिकारी की योजना मालिक के करियर के अंत या फिर उसकी मृत्यु से पहले ही तैयार कर लेनी चाहिए.

व्यक्तिगत और भावनात्मक पहलू

उत्तराधिकारी की प्लानिंग से बहुत ही व्यक्तिगत और इसके साथ बहुत सारे भावनात्मक पहलू जुड़े हुए होते हैं. यह हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है. इसलिए सबसे पहले उस व्यक्ति के उदेश्य को समझें, जो उत्तराधिकारी बनना चाहता है. एक बिजनेसमैन उत्तराधिकार की योजना बनना चाहता है, क्योंकि वो अपनी कारोबारी विरासत को आगे जारी रखना चाहता है. जबकि एक सैलरी पाने वाला व्यक्ति अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उत्तराधिकार की योजना बनाना चाहता है.

 

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