आज रिजाइन... कल निकाल पाएंगे PF से 75% पैसे, पेंशन फंड का क्या होगा? जानिए हर सवाल केे जवाब

पीएफ विड्रॉल पर नए नियम आने के बाद बहुत सी बातों को लेकर कंफ्यूजन चल रहा है. जिसे लेकर अब ईपीएफओ ने सभी कंफ्यूजन को दूर किया है. यहां आप अपने हर सवाल का जवाब पा सकते हैं.

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EPFO के नियम में बदलाव (Photo: AI Generated) EPFO के नियम में बदलाव (Photo: AI Generated)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 18 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST

EPFO विड्रॉल के नए नियम जबसे आए हैं, तबसे इसपर कई भ्रम की स्थिति पैदा हुई हैं. साथ ही इसकी आलोचना भी हो रही है. अब इसे लेकर कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ने एक-एक बात स्‍पष्‍ट कर दी है.

सवाल: नौकरी छूटते ही क्या तुरंत नहीं निकाल पाएंगे  EPF का पूरा पैसा?
जवाब:
रिटायरमेंट बॉडी EPFO का कहना है कि सदस्य अब नौकरी छूटने के तुरंत बाद अपने EPF से शेष राशि का 75% तक निकाल सकते हैं, जबकि बाकी 25 फीसदी राशि  1 साल के बाद मिलेगी. 

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सवाल: नौकरी जाने के बाद पेंशन का पैसा कितने समय बाद निकाल सकते हैं?  
जवाब:
ईपीएफओ ने बताया है कि पेंशन (EPS) जमा राशि बेरोजगारी के 36 महीने बाद ही निकाली जा सकती है. पहले 2 महीने के बाद निकालने का प्रावधान था. 

सवाल: नौकरी जाने पर 100% अमाउंट तुरंत क्‍यों नहीं निकाल सकते हैं? 
जवाब:
अगर कोई नौकरी जाने के तुरंत बाद 100 फीसदी राशि निकाल लेता है, तो उसकी सेवा अवधि ब्रेक हो जाती थी. जबकि 10 साल की निरंतर सेवा पेंशन के लिए अन‍िवार्य है. ऐसे में बार-बार पीएफ विड्रॉल से यह 10 साल की सेवा पूरी नहीं होती, जिस कारण 75% राशि विड्रॉल की ही अनुमति दी गई है. बाकी राशि के लिए 1 साल का वक्‍त दिया गया है. सरकार का तर्क है कि 1 साल के भीतर ज्‍यादातर कर्मचारियों को दूसरी नौकरी मिल जाती है. 

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सवाल: ईपीएफओ के किस फैसले पर सवाल उठ रहा है? 
जवाब:
EPF के फाइनल सेटलमेंट के लिए वेटिंग पीरियड को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और EPS विड्रॉल के लिए 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने करने का फैसला लिया गया है. इस फैसले की सदस्‍यों ने आलोचना की और फिर विवाद बढ़ा है, जिसके बाद EPFO ने सोशल मीडिया पर विस्‍तार से जानकारी दी है. 

सवाल: किस नियम को बदला गया है? 
जवाब:
अभी तक ईपीएफ सदस्‍य को किसी भी कारण से दो महीने तक बेरोजगार रहने के बाद PF और पेंशन अकाउंट से पूरी रकम निकालने की अनुमति थी. लेकिन अब ईपीएफओ ने 75% अमाउंट को तुरंत और बाकी 25 फीसदी अमाउंट को 12 महीने के बाद निकालने की अनुमति दी है. वहीं पेंशन के तहत 36 महीने बाद निकासी की अनुमति दी है. 

सवाल: क्‍यों नियम बदलने की आवश्‍यकता पड़ी? 
जवाब:
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव का उद्देश्‍य सदस्‍यों को आजीवनी पेंशन के लिए पात्र बनाने के लिए 10 साल की सेवा पूरी कराने के लिए प्रोत्‍साहित कराना है. साथ ही ईपीएफ रिटायरमेंट फंड के जरिए वित्तीय सुरक्षा भी देना है. मंत्रालय ने कहा कि पहले, बार-बार निकासी के कारण सेवा अवधि में ब्रेक आता था, जिसके कारण कई कर्मचारियों के पेंशन मामले खारिज हो जाते थे. लेकिन अब इस बदलाव से ज्‍यादातर लोगों को EPS का लाभ मिल सकेगा. 

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सवाल: ईपीएफ विड्रॉल की 13 कैटेगरी अब घटकर कितनी हुई? 
जवाब:
पहले ईपीएफओ के तहत 13 कैटेगरी के तहत पीएफ की निकासी की जा सकती थी, लेकिन अब इसे आसान बनाते हुए 3 कैटेगरी कर दी गई है. पहली कैटेगरी- बीमारी, शिक्षा, विवाह के लिए PF विड्रॉल कर सकते हैं. दूसरी कैटेगरी- घर की जरूरत के लिए पीएफ निकासी कर सकते हैं. तीसरी कैटेगरी- इमरजेंसी में पीएफ निकालाने की अनुमति होगी.

सवाल: आंशिक निकासी के लिए क्‍या प्रावधान है? 
जवाब:
कर्मचारी शादी और घर के लिए अब एक-एक साल के अंतराल पर पीएफ के पैसे निकाल सकेंगे. पहले यह सीमा 5 से 7 साल थी. 

सवाल: शिक्षा और विवाह के लिए कितनी बार PF निकाल सकते हैं? 
जवाब:
आंशिक निकासी की सीमा को और लचीला बना दिया गया है. सदस्य अब शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी कर सकते हैं, जबकि पहले यह सीमा तीन बार थी. बीमारी या इमरजेंसी कैटेरगी में, बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के पूरी पात्र राशि वर्ष में दो बार निकाली जा सकती है.

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