'अब तो बांग्लादेश भी ध्वस्त... ' कारोबारी ने कहा- चीन के चक्‍कर में बर्बाद हुए PAK समेत ये 5 देश!

कारोबारी का मानना है कि लोन संकट से लेकर इकोनॉमी टूटने तक, कई देश गंभीर तनाव के संकेत दिखा रहे हैं और अगर सही समय पर उपाय नहीं किए गए तो बहुत जल्‍द ही ये देश कंगाली के कगार पर भी जा सकते हैं.

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China Ruined Pak among five South Asia Countries China Ruined Pak among five South Asia Countries

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 03 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

चीन के चक्‍कर में जो भी देश पड़ा, वह बर्बाद हो रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक एक उद्यमी का दावा है. उनका कहना है कि रणनीतिक निवेश, उच्च ब्याज दर वाले लोन और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव ने कई देशों को आर्थिक और राजनीतिक तौर पर कमजोर (Economy and Political Crisis) कर बना दिया है. 

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लोन संकट से लेकर संस्थागत टूटने तक, कई देश गंभीर तनाव के संकेत दिखा रहे हैं और अगर सही समय पर उपाय नहीं किए गए तो बहुत जल्‍द ही ये देश कंगाली के कगार पर भी आ सकते हैं.

बिजनेस टुडे के अनुसार, सीरियल उद्यमी राजेश साहनी ने एक्स पर लिखा कि यहां तक ​​कि बांग्लादेश (Bangladesh) भी अब अराजकता और नीचे की ओर गिर रहा है. दक्षिण एशिया में 8 में से 5 देश की इकोनॉकी ध्वस्त (Economy Crisis in 5 Countries) हो गई हैं, जिसमें श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल हैं. उन्‍होंने आगे कहा कि आंकड़े इस दावे का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन आंतरिक तनाव बना हुआ है. 

बांग्लादेश में ऐस हालात
देश अराजकता, हिंसक विरोध और बढ़ती कट्टरता की चपेट में है. अंतरिम सरकार कंट्रोल करने में समर्थ नहीं है और सेना ने संकट की चेतावनी दी है. महंगाई बहुत ज्‍यादा है,  निवेश कमजोर हुआ है और वित्त वर्ष 2025 के लिए विकास दर 3.3-3.9% तक गिर गई है. अर्थव्यवस्था अभी भी चालू है, लेकिन मुश्किल दौर से गुजर रही है. 

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श्रीलंका का क्‍या हाल? 
इस देश की इकोनॉमी मामूली ग्रोथ अनुमान के बाद भी उच्च गरीबी, महंगाई और खराब मुद्रा से जूझ रहा है. इसने 2022 में अपने बाहरी कर्ज का भुगतान नहीं किया और अभी भी इसका आधा से अधिक विदेशी लोन चीन को देना बाकी है. देश की मुख्‍य परियोजनाओं से इसे सीमित लाभ मिला है और लोन चुकाना इसके लिए एक बड़ा रिस्‍क बना हुआ है. 

मालदीव में भी संकट 
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 6.4% रहने की उम्मीद है, लेकिन मालदीव के कुल लोन का लगभग 20% चीन का है. देश की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है, और कोई भी बाहरी झटका संतुलन को बिगाड़ सकता है. मालदीव-चीन FTA व्यापार घाटे को भी बढ़ा सकता है और स्थानीय उद्योगों को नुकसान पहुंचा सकता है.

कंगाली के कगार पर पाकिस्तान
पाकिस्‍तान तो कंगाली के कगार पर खड़ा है. इस देश की प्रति व्‍यक्ति GDP भी नेपाल, बांगलादेश और श्रीलंका से बहुत कम है. यह राजनीतिक रूप से अस्थिर बना हुआ है, बेरोजगारी बढ़ रही है और वित्तीय आधार कमजोर है. CPEC के जरिए चीन से मिले कर्जों ने बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया है, लेकिन साथ ही कर्ज भी बढ़ा है और जोखिम पैदा हुआ है.  निवेशकों का भरोसा अभी भी कमजोर बना हुआ है. 

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अफगानिस्तान और नेपाल
अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था अलग-थलग है और सहायता पर निर्भर है. इस देश में भी गरीबी चरम पर है और चीनी भागीदारी सीमित और धीमी है. जबकि नेपाल, हालांकि कागज पर स्थिर है, चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे और चीन सपोर्ट‍िव बुनियादी ढांचे पर बढ़ती निर्भरता का सामना कर रहा है. 

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