दिवालिया होने से बचने के लिए Byju ने चली ये चाल, जानिए कैसे बर्बाद हो गई कंपनी?

Byju's ने साल 2019 में ओपो इंडिया की जगह टीम इंडिया का ऑफिशियल स्‍पॉन्‍सर बनी थी. जून 2022 में एडटेक कंपनी ने बीसीसीआई के साथ अपने जर्सी स्‍पॉन्‍सरशिप एग्रीमेंट को नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था, जिसकी अनुमानित लागत करीब 35 मिलियन डॉलर थी.

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Byju's Crisis Byju's Crisis

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 19 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) कर्नाटक ने दिग्‍गज एडटेक कंपनी के खिलाफ एक्‍शन लेने का आदेश दिया है. बीसीसीआई ने शिकायत किया है कि एडटेक कंपनी बायजू के ऊपर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का 158 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसका भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में NCLT ने मंगलवार को रवींद्रन के नेतृत्व वाली बायजू (Byju's) पर कार्रवाई का आदेश दिया है. 

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दरअसल, Byju's ने साल 2019 में ओपो इंडिया की जगह टीम इंडिया का ऑफिशियल स्‍पॉन्‍सर बनी थी. जून 2022 में एडटेक कंपनी ने बीसीसीआई के साथ अपने जर्सी स्‍पॉन्‍सरशिप एग्रीमेंट को नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था, जिसकी अनुमानित लागत करीब 35 मिलियन डॉलर बताई गई थी. हालांकि दिसंबर 2022 में ही कंपनी अपने इस डील का खत्‍म करना चाहती थी, लेकिन बीसीसीआई चाहता था कि ये मार्च 2023 तक चले. बीसीसीआई का कहना है कि कंपनी ने बकाया का भुगतान नहीं किया है. 

इस बीच बायजू ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के हालिया आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी का रुख किया है. खबर है कि बाजयू इस मामले पर तत्काल सुनवाई चाहती है. कंपनी ने गुरुवार एनसीएलएटी का रुख किया है. इसमें एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के हालिया आदेश को चुनौती दी गई है. साथ ही क्रिकेट बोर्ड के साथ समझौते की बातचीत जारी है, लेकिन बायजू का टारगेट दिवालियापन प्रक्रिया को रोकना है.

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दिवालिया प्रॉसेसे को रोकने की कोशिश में बायजू 
बायजू ने इस मामले को मध्यस्थ के पास ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन NCLT ने इसे खारिज कर दिया. अब बीसीसीआई की याचिका पर एनसीएलटी ने कार्रवाई का आदेश दिया है.  

अभी कौन मैनेज कर रहा ये कंपनी? 
वर्तमान में कंपनी को मैनेज NCLT द्वारा नियुक्त एक पेशेवर पंकज श्रीवास्तव कर रहे हैं. कंपनी के बोर्ड का कंट्रोल इन्‍हीं के पास होगी. एनसीएलटी ने बीसीसीआई की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि इस बात पर विवाद नहीं किया जा सकता कि बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने क्रिकेट बोर्ड की सेवाएं ली थीं और भुगतान में चूक की थी. 

कंपनी को लगे थे एक के बाद एक झटके
गौरतलब है कि बायजू को बोर्डरूम से बाहर निकलने, निवेशकों के विवाद, नौकरी में कटौती और वैल्‍यूवेशन में 2 बिलियन डॉलर से भी कम की गिरावट सहित कई झटकों का सामना करना पड़ा है. 21 से अधिक देशों में परिचालन करने वाली इस कंपनी ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के साथ कोविड-19 महामारी के दौरान लोकप्रियता हासिल की और देखते ही देखते देश की बड़ी स्‍टार्टअप फर्म बन गई थी.

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