BT Tech Conclave: ‘टेक्नोलॉजी से छोटे शहरों में मुमकिन होंगी बड़े शहरों जैसी स्वास्थ्य सेवाएं’

BT Tech Conclave: Metropolis Healthcare की प्रमोटर और मैनेजिंग डायरेक्टर अमीरा शाह ने कहा कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी की वजह से छोटे शहरों में बड़े शहरों जैसी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगेंगी और इससे कोविड-19 की लहर के दौरान जिस तरह की क्लॉगिंग हमने बड़े शहरों में देखी वो रुकेगी.

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अमीरा शाह (फाइल फोटो) अमीरा शाह (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:07 PM IST
  • ‘हेल्थकेयर कंपनियों का 80% रिवेन्यू 9-10 बड़े शहरों से’
  • ‘टेक्नोलॉजी का उपयोग कम करेगा बड़े अस्पतालों में भीड़’
  • ‘देश कोविड जैसे हालात के लिए पहले से बेहतर तैयार’

BT Tech Conclave: टेक्नोलॉजी उपयोग अब हेल्थकेयर सेक्टर में बढ़ रहा है. बिजनेस टुडे टेक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए Metropolis Healthcare की प्रमोटर और मैनेजिंग डायरेक्टर अमीरा शाह ने कहा कि टेक्नोलॉजी की वजह से अब आप कहीं से भी टेली कंसल्टेशन का उपयोग करके किसी और जगह के डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. इससे छोटे शहरों में मरीजों को बड़े शहरों के डॉक्टर की सलाह मिलना मुमकिन हो पाता है. 

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हेल्थकेयर कंपनियों का 80% रिवेन्यू 9-10 बड़े शहरों से
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हम सभी ने बड़े शहरों में जिस तरह की क्लॉगिंग देखी, उसकी वजह अधिकतर अच्छे अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं का इन्हीं जगह पर होना है. इसकी एक वजह है कि देश के इन्हीं 9 या 10 बड़े शहरों से बड़े हेल्थकेयर प्लेयर का लगभग 80% रिवेन्यू आता है.

टेक्नोलॉजी का उपयोग कम करेगा बड़े अस्पतालों में भीड़
लेकिन हम अगर टेक्नॉलॉजी के उपयोग को बढ़ाएंगे तो बड़े शहरों में ज्यादा संख्या में मरीजों का आना कम होगा. पिछले तीन साल में हम एक चलन देख रहे हैं कि छोटे शहरों से बड़े शहर में आकर इलाज कराने वालों की संख्या कम हुई है और वो अपने घर के पास ही बेहतर इलाज करा पा रहे हैं. आने वाले समय में तकनीक बेहतर होगी तो ये बढ़ेगा ही हालांकि अभी हमें छोटे शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा काम करने की जरूरत है.

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कोविड जैसे हालात के लिए पहले से बेहतर तैयार
बिजनेस टुडे टेक कॉन्क्लेव में ही मेडवेल वेंचर्स के को-फाउंडर एंड चेयरमैन विशाल बाली ने कहा कि अगर आने वाले समय में कोविड-19 जैसे हालात होते हैं. तो भारत अब एक बेहतर स्थिति में है. बीते एक-डेढ़ साल में इस दिशा में काफी काम हुआ है, हालांकि अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है और जो अंतर है उसे भरा जाना चाहिए.

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