भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दावा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से तेज रिकवरी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार रिकवरी की है.
फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FEDAI) के वर्चुअल एनुअल प्रोग्राम में शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने जितना अंदाजा लगाया था, उससे तेज रिकवरी हुई है. लेकिन इस गति को बनाये रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में सबसे ज्यादा सुधार का अनुमान है.
हालांकि शक्तिकांत दास ने हाल के दिनों में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को और नीचे जाने का खतरा है, भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी इसी तरह का संकट है. गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में 44 हजार कोरोना के मामले सामने आए हैं. जबकि अबतक भारत में कोरोना से 1.35 लाख लोग दम तोड़ चुके हैं.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में दिख रही तेज रिकवरी को जारी रखने के लिए फेस्टिवल सीजन के बाद भी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की डिमांड बनाये रखने की जरूरत है. इसलिए RBI का फोकस डिमांड बढ़ाने पर और इसमें स्थिरता बेहद जरूरी है.
RBI के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5% की गिरावट आ सकती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल मार्केट्स को सुदृढ़ करने के लिए RBI प्रतिबद्ध है, इसके लिए जो कदम उठाने होंगे, उठाए जाएंगे.
RBI गवर्नर ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत के इकोनॉमिक ग्रोथ का आउटलुक बेहतर हुआ है, लेकिन यूरोप और भारत के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस महामारी के दोबारा फैलने की वजह से ग्रोथ में गिरावट आने का खतरा बना हुआ है.