वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट भाषण दे रही हैं. इससे पहले सदन के अंदर विपक्षी सांसदों ने किसान आंदोलन के समर्थन में सदन के अंदर जय जवान जय किसान के नारे लगाए. वहीं कई कांग्रेसी सांसद बजट का विरोध करने के लिए काले गाउन पहनकर संसद आए हैं. आज कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह अजुला काले गाउन पहनकर संसद में आए.
ये दोनों सांसद किसान आंदोलन का समर्थन और तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उनके गाउन पर लिखा है किसान की मौत... काला कानून वापस लो..
कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसान आंदोलन जारी है. माना जा रहा है कि देश में नाराज चल रहे किसानों और कृषि सेक्टर के लिए केंद्र की मोदी सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. वहीं, नए कृषि कानून को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग के अलावा किसान संगठन 'किसान सम्मान निधि' को बढ़ाने और कर्ज माफ करने जैसी कई डिमांड कर रहे हैं.
किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं कि नए कृषि कानून को निरस्त करने वाली हमारी सबसे अहम मांग के साथ ये मांग भी है कि किसानों को मिलने वाली 'पीएम किसान सम्मान निधी' राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 24 हजार सालाना किया जाए. किसान क्रेडिट के तहत किसानों को मिलने वाले कर्ज पर ब्याज सीधे तौर पर दो फीसदी तय किया जाना चाहिए और साथ ही केसीसी लिमिट को दोगुना किया जाना चाहिए. किसानों से दूध की खरीदारी का रेट, अमूल की दर पर करना चाहिए.
चौधरी पुष्पेंद्र सिंह कहते हैं कि खेती को भी मनरेगा से जोड़ना चाहिए. इससे श्रमिकों को काम भी मिल जाएगा और किसानों को खेती के लिए आसानी से मजदूर उपलब्ध हो जाएंगे और लागत भी कम आएगी. 70 साल से किसान तो घाटे का सौदा कर ही रहा है और मौजूदा समय में भी हालात ऐसे ही हैं. ऐसे में सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे नहीं आएगी तो फिर कौन आएगा?
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