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बजट में कौन-कौन से हुए बड़े ऐलान, टैक्स स्लैब में बदलाव से किसे फायदा

aajtak.in
  • 01 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को साल 2020-21 का बजट पेश किया है. इस दशक के पहले और मोदी सरकार 2.0 के दूसरे बजट में हर वर्ग के लिए कई ऐलान किए गए.

इस बजट में सबसे अहम इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव रहा. पहले 5 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता था, जिसकी अब मोदी सरकार ने दो कैटेगरी बना दी हैं. 5 लाख से साढ़े सात लाख रुपये तक अब 10 फीसदी टैक्स लगेगा और साढ़े सात लाख से 10 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स का नया रेट 15 फीसदी होगा.

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अभी तक 10 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर सीधे 30 फीसदी टैक्स लगता था, जिसको सरकार ने अब दो स्लैब में बांट दिया है. अब 10 लाख रुपये से साढ़े 12 लाख रुपये के बीच इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि साढ़े 12 लाख से 15 लाख रुपये के बीच 25 फीसदी टैक्स लगेगा. हालांकि पांच लाख रुपये तक की इनकम में लगने वाला पांच फीसदी टैक्स और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर लगने वाला 30 फीसदी टैक्स जारी रहेगा. इस तरह पांच लाख रुपये तक की इनकम और 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करके केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी छूट का ऐलान तो किया है, लेकिन उन्होंने इसमें एक ऐसी शर्त जोड़ दी, जिसे लेकर लोगों में कंफ्यूजन होना लाजिमी था. उन्होंने कहा कि लोगों के पास ऑप्शन होगा कि वो पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स दें या नए टैक्स स्लैब के हिसाब से. नई टैक्स व्यवस्था के तहत घटे हुए टैक्स रेट्स उन्हीं टैक्स पेयर्स पर लागू होंगे, जो पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलने वाली छूट को छोड़ेंगे, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट के नियम जारी रहेंगे. हालांकि नई टैक्स व्यवस्था में अभी भी टैक्सपेयर्स को डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर छूट का प्रावधान रखा गया है. सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट देने वाले नियमों में भी बदलाव किया है. अभी तक 120 तरह की टैक्स छूट लागू थीं, जिनमें से सरकार ने 70 तरह की टैक्स छूट को हटा दिया है.

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तो अब सवाल ये है कि टैक्स व्यवस्था में इस बदलाव के पीछे सरकार का मकसद क्या है? केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक नई टैक्स व्यवस्था से सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जिनकी आमदनी इनकम टैक्स के दायरे में तो आती है, लेकिन वो सेविंग नहीं कर पाते हैं. नई टैक्स व्यवस्था से 15 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को पहले के मुकाबले कम रेट से टैक्स देना होगा. हालांकि अगर कोई टैक्सपेयर इतना निवेश कर पा रहा है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था से कम टैक्स चुका पाए, तो वो पुरानी व्यवस्था चुन सकता है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक नई टैक्स व्यवस्था उस दिशा में पहला कदम है, जहां देश में सभी तरह की टैक्स छूट खत्म करके इनकम टैक्स की बहुत कम दरें लागू की जाएं. हालांकि अब सवाल ये है कि आम टैक्सपेयर्स कैसे तय करेगा कि वो नई व्यवस्था से टैक्स भरे या पुरानी व्यवस्था से?

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बजट में सस्ते मकान की खरीद के लिए डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी को एक साल और बढ़ाया गया है. सरकार ने बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. मतलब अगर बैंक डूबता है, तो बैंक के कस्टमर को 5 लाख रुपये तक मिल जाएंगे. बजट में 27 हजार किलोमीटर के रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किए जाने की घोषणा की गई है. नई हाईस्पीड ट्रेन के साथ ही नई तेजस ट्रेनें चलाने का भी ऐलान हुआ है. चार नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत करने की घोषणा की गई है.

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शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया है और मार्च 2021 तक 150 नए डिप्लोमा इंस्टीट्यूट खोलने का ऐलान किया गया है. नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की गई है. आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12 हजार 300 करोड़ रुपये आवंटित करने का भी ऐलान हुआ है.

इसके अलावा 12 बीमारियों के खिलाफ चलाए जाने वाले मिशन इंद्रधनुष का विस्तार होगा. साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा' नाम से अभियान चलाया जाएगा. साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय एक्शन प्लान लाया जाएगा और जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए 'किसान रेल' और 'किसान उड़ान योजना' शुरू की जाएगी.

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पीएम कुसुम स्कीम के जरिए 20 लाख किसानों को सोलर पंप से जोड़ा जाएगा. बागवानी फसलों के लिए एक जिला एक फसल योजना शुरू की जाएगी. एक लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट कनेक्टविटी पहुंचाई जाएगी और महिला किसानों के लिए धन लक्ष्मी योजना शुरू की जाएगी.

इसके अतिरिक्त 5 पुरातत्विक महत्व की जगहों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने, अगले तीन साल में बिजली ग्राहकों को वितरण कंपनी चुनने की आजादी देने और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की घोषणा की गई है. बजट में नए केंद्रशासित प्रदेशों यानी जम्मू-कश्मीर के लिए 30 हजार 757 करोड़ रुपये और लद्दाख के विकास के लिए 5958 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है.

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