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Economic Survey: विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, राजकोषीय घाटा भी रहेगा 'बराबर'

aajtak.in
  • 31 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST
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बजट से ठीक एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. जिसमें सरकार ने इंफ्रास्ट्र्क्चर पर फोकस किया है. आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में शुक्रवार को कहा गया कि देश की अर्थव्यस्था में सुधार हो सकता है और जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-2021 में 6 से 6.5 फीसदी हो सकती है. आइए ग्राफिक्स के जरिये जानते हैं आर्थिक सर्वेक्षण की तस्वीर.

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आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 में थोक महंगाई दर 1.5 फीसदी रही, जबकि खुदरा महंगाई दर 4.1 फीसदी रही. जबकि बीते साल 2018-19 में खुदरा महंगाई की दर 3.4 फीसदी तक सीमित रही थी, और थोक महंगाई दर 4.3 फीसदी रही थी.

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देश का विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्थिति में है. आर्थिक सर्वे रिपोर्ट 2019-20 के लिए विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी-2020 तक 461.2 बिलियन डॉलर रहा, जो बीते साल के मुकाबले बढ़ा है. साल 2018-19 में 412.9 बिलियन डॉलर रहा था. साल 2017-18 में विदेशी मुद्रा भंडार 424 बिलियन डॉलर था जो 2018-19 में 412.9 बिलियन डॉलर रह गया

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आर्थिक सर्वे के मुताबिक एफडीआई प्रवाह बेहतर रहा है.  2019-20 के पहले आठ महीनों में 24.4 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित हुआ. जिससे चालू खाता घाटा 2019-20 में 1.5 फीसदी रहा. जबकि 2018-19 के यह माइनस 2.1 प्रतिशत था. सर्वे के मुताबिक देश का बाह्य भुगतान संतुलन की स्थिति में सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और एफपीआई की वजह से यह हुआ.

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आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राजकोषीय घाटा 2019-20 में 3.3 फीसद रहा. जबकि बीते साल 2018-2019 राजकोषीय घाटा 3.4 फीसदी रहा था. वहीं 2017-18 में जीडीपी में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत था. यानी इस साल भी 3.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है. क्योंकि अभी दो महीने के आंकड़े आना बाकी है.

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