'कुछ भी कर लो, बंगला खाली नहीं करेंगे', राबड़ी देवी के बंगले को लेकर RJD का अल्टीमेटम

RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने राबड़ी देवी का सरकारी बंगला खाली कराने की कार्रवाई को राजनीतिक विद्वेष बताया. उन्होंने कहा कि सरकार बदले की भावना से यह कदम उठा रही है और 20 वर्षों में पहली बार इस मुद्दे को उठाया गया है. मंडल के अनुसार, मुख्यमंत्री पीएम मोदी और बीजेपी नेतृत्व को खुश करने के लिए लालू परिवार को जानबूझकर अपमानित कर रहे हैं.

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RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इसे राजनीतिक विद्वेष बताया. (Photo: ITG) RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इसे राजनीतिक विद्वेष बताया. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • पटना,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राबड़ी देवी का सरकारी बंगला खाली कराने की कार्रवाई राजनीतिक विद्वेष का परिणाम है. उन्होंने साफ कहा कि कुछ भी करना होगा करेंगे, लेकिन बंगला खाली नहीं करेंगे.

राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप
मंडल ने आरोप लगाया कि लालू यादव और उनके परिवार के प्रति द्वेष और राजनीतिक बदले की भावना से सरकार कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि बीते 20 वर्षों में कई बार सत्ता बदलने के बावजूद यह मुद्दा कभी नहीं उठाया गया. उन्होंने सवाल किया कि 'जब उसी घर में दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं, तब उस मकान को खाली क्यों नहीं किया गया? अब अचानक यह कदम क्यों उठाया जा रहा है?'

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बीजेपी नेतृत्व का विश्वास हासिल करने के लिए उठाया कदम
राजद प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने यह कदम प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी नेतृत्व का विश्वास हासिल करने के लिए उठाया है. उनके अनुसार, गृह विभाग बीजेपी के पास जाने के बाद लालू परिवार को जानबूझकर अपमानित करने की कोशिश की जा रही है.

मंडल ने कहा कि राजनीति के अलावा इस कार्रवाई का कोई दूसरा कारण नहीं है और तर्क गढ़कर लालू यादव के हेडिंग रोड स्थित आवास को खाली करने की कोशिश की जा रही है.

क्या है बंगले की पूरी कहानी?
पटना के प्रतिष्ठित वीआईपी एरिया में स्थित 10 सर्कुलर रोड का सरकारी बंगला करीब बीस वर्षों से बिहार की राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है. यह वही घर है, जहां लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का राजनीतिक दरबार सजता था और जहां से सत्ता की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाती थी. लेकिन अब नई एनडीए सरकार ने इस ऐतिहासिक पते को राबड़ी देवी से खाली कराने का आदेश जारी कर दिया है. सवाल उठ रहा है आखिर इस बंगले की कहानी क्या है और इस कदम की वजह क्या है?

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10 सर्कुलर रोड की शुरुआत कैसे हुई?
2005 से पहले लगभग डेढ़ दशक तक लालू-राबड़ी शासन में थे और उस दौरान पूरा परिवार एक अणे मार्ग के सरकारी आवास में रहता था. लेकिन नवंबर 2005 में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद संभाला और एक अणे मार्ग में शिफ्ट हो गए. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड का बंगला आवंटित किया गया, जो प्रदेश के सीएम आवास के ठीक पास स्थित है.

यही वह समय था जब लालू परिवार इस नये आवास में शिफ्ट हुआ और आने वाले दो दशकों तक यह उनका स्थायी राजनीतिक ठिकाना बना रहा. सत्ता परिवर्तन होता रहा, लेकिन बंगले का आवंटन राबड़ी देवी के नाम पर ही कायम रहा.

तेजस्वी यादव के केस और हाईकोर्ट के आदेश ने बदल दिया माहौल
2015 में महागठबंधन सरकार बनने पर तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने और उन्हें 5 देशरत्न मार्ग का सरकारी आवास मिला. 2017 में सरकार गिरने के बाद उन्हें बंगला छोड़ने का नोटिस मिला. तेजस्वी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

19 फरवरी 2019 के अपने फैसले में हाईकोर्ट ने न सिर्फ तेजस्वी का आवास खाली कराने का आदेश दिया, बल्कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिए जाने वाले सरकारी बंगले, सुरक्षा और स्टाफ जैसी सुविधाएं भी समाप्त कर दीं. इस फैसले का प्रभाव राबड़ी देवी पर भी होना था, लेकिन उस वक्त वह विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष थीं, इसलिए उन्हें 10 सर्कुलर रोड में रहने की अनुमति मिल गई.

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अब सरकार का रुख क्यों बदला?
2025 में बनी नई एनडीए सरकार में बीजेपी की भूमिका पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है. नई कैबिनेट के गठन और प्रशासनिक फेरबदल के बीच कई नेताओं और मंत्रियों को नए सरकारी आवास दिए जा रहे हैं. इसी क्रम में भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष कोटे से 39 हार्डिंग रोड का नया आवास आवंटित कर दिया है. जब नया घर आवंटित हो गया है, तो नियमों के अनुसार अब 10 सर्कुलर रोड खाली करना अनिवार्य हो गया है. इस बार सरकार के फैसलों में बीजेपी की स्पष्ट छाप दिख रही है, और 2019 के कोर्ट आदेशों के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए पुराने बंगलों पर दावा करना लगभग असंभव हो चुका है.

औपचारिक आदेश और आगे की प्रक्रिया
भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव सह भू-सम्पदा पदाधिकारी शिव रंजन द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष के कोटे से हार्डिंग रोड का आवास दिया गया है, इसलिए उन्हें 10 सर्कुलर रोड खाली करना होगा.

लालू-राबड़ी परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी अब अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा. उनका 26 एम. स्ट्रैंड रोड वाला बंगला नए मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन को आवंटित कर दिया गया है.

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इनपुट- शुभम निराला

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