बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी के दोनों किनारों को जोड़ने के लिए जल्द ही वॉटर मेट्रो सेवा की शुरुआत होने जा रही है. इसकी घोषणा केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को की है. उन्होंने कहा कि पटना जल्द ही गंगा नदी आधारित इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट सिस्टम का प्रमुख केंद्र बनेगा. यह घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले की गई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सोनोवाल ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट के विकास को लेकर आयोजित परामर्श बैठक में भाग लेते हुए कहा कि मोदी सरकार नदियों की पूर्ण क्षमता को माल परिवहन, पर्यटन और स्थानीय आजीविका के लिए उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि "वॉटर मेट्रो सिस्टम पटना के लिए एक स्वच्छ, कुशल और आधुनिक शहरी परिवहन समाधान प्रदान करेगा, जो गंगा के दोनों किनारों को जोड़ेगा. उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल इनलैंड नेविगेशन इंस्टीट्यूट को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें नए निवेश किए जा रहे हैं.
सोनोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 11 सालों में भारत के इनलैंड जलमार्ग हरित विकास और संपर्क के इंजन के रूप में उभरे हैं. नेशनल वाटरवे 1, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरता है, इस पुनर्जागरण का केंद्र है.
बिहार में वॉटरवे के तहत दो टर्मिनल बनाए जाएंगे और पटना में एक आधुनिक जहाज मरम्मत और निर्माण केंद्र की स्थापना होगी. इसके अलावा, राज्य के अलग-अलग जिलों में 16 सामुदायिक जेटी का निर्माण भी प्रस्तावित है. कालू घाट को अत्याधुनिक वॉटरवे सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही गंगा के किनारे स्थित 12 जिलों में इनलैंड नेविगेशन और जल आधारित वाणिज्य की संभावनाओं की खोज के लिए एक विशेष कार्यबल भी गठित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि बिहार को भारत की आर्थिक वृद्धि में एक मजबूत भागीदार बनाएगी. बैठक में केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस रंजन भुनिया और IWAI चेयरमैन विजय कुमार भी शामिल हुए.
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