राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) ने अपने चीफ उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को अपने कोटे से अकेले मंत्री पद के लिए नॉमिनेट करके सबको चौंका दिया, जबकि वह न तो MLA हैं और न ही MLC हैं. माना जा रहा है कि NDA सीट-शेयरिंग बातचीत के दौरान कुशवाहा निराश दिखे, जब उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए छह सीटें दी गईं. उन्हें खुश रखने के लिए, उन्हें एक MLC सीट भी देने का भरोसा दिया गया.
बिहार के नए मंत्रिमंडल में बिल्कुल नए चेहरे के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश मंत्री पद की शपथ ली है. मंत्री बनने के बाद आजतक ने दीपक से बातचीत की.
दीपक प्रकाश ने कहा, "मैं राजनीति में नया नहीं हूं. बचपन से राजनीति से काफी करीब से देखा, काम करते हुए देख रहे हैं. मैं खुद भी राजनीति में कामों का हिस्सा हूं. मेरा नाम क्यों तय किया गया, ये तो उपेंद्र कुशवाहा जी बताएंगे. शपथ से थोड़ी देर पहले ही मुझे भी पता चला कि मेरा नाम तय किया गया है."
'युवाओं के लिए काम...'
लिबास से जुड़े सवाल पर दीपक ने कहा, "ये तो समय बताएगा कि क्या पहनेंगे लेकिन मैं जिसमें आरामदायक महसूस करता हूं वो पहन लेता हूं."
उन्होंने सरकार के कामकाज को लेकर कहा, "युवाओं के लिए काम होना चाहिए. लोगों के मन के संदेह को दूर करने के लिए काम किया गया, नौकरी और रोजगार पर काम किया गया है. आने वाले पांच साल में भी नौकरी और रोजगार पर काम किया जाएगा. लगभग 30 लाख रोजगार का सृजन होना है. आधुनिक कोर्सेज को शामिल किया जा रहा है. हमारे राज्य के युवा अच्छा से अच्छा रोजगार पा सकेंगे."
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दीपक प्रकाश ने खुद से जुड़े सवाल पर कहा, "मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहा हूं, आईटी सेक्टर में चार साल काम किया हूं. पिछले चार से पांच सालों से मैं राजनीति में सक्रिय रहा हूं. मैं युवाओं के लिए काम करना चाहता हूं. सौ बीमारियों का एक इलाज शिक्षा है, इसलिए मैं शिक्षा पर काम करना चाहता हूं."
रोहित कुमार सिंह