नेपाल के पानी का तांडव, बिहार में 10 लाख लोग बाढ़ के पानी में घिरे, हवाई सर्वे करने निकले नीतीश

नेपाल और बिहार में भारी बारिश व बाढ़ ने तबाही मचा दी है. नेपाल में 60 घंटे लगातार बारिश होने के बाद कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिसका असर बिहार में देखने को मिल रहा है. वहीं बिहार के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर रहे हैं.

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Nepal And Bihar Flood Nepal And Bihar Flood

शशि भूषण कुमार

  • दरभंगा,
  • 01 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

बिहार के 19 जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं. दरअसल, नेपाल में 60 घंटे लगातार बारिश होने के बाद कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिसका असर बिहार में देखने को मिल रहा है. नेपाल से पानी का दबाव बढ़ा तो बिहार में कई जगहों पर तटबंध दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया में कई जगहों पर बागमती, कोसी और गंडक नदी पर बने तटबंध टूट गए, जिससे कई गांवों में पानी भर गया है. बिहार के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर रहे हैं ताकि लोगों को इस आपदा से बचाया जा सके. 

बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे करने निकले सीएम

बिहार में लगातार उत्पन्न हो रही बाढ़ की समस्या का सर्वे करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकले हैं. आज पटना एयरपोर्ट से वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेंगे. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर बिहार और कोसी के इलाके के साथ मिथिलांचल के कई इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. बाढ़ की स्थिति जायजा लेने के बाद सीएम पटना में अधिकारियों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोसी सीमांचल के साथ-साथ मिथिलांचल के इलाकों में भी हवाई सर्वेक्षण करेंगे. बिहार में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद हवाई सर्वेक्षण का फैसला लिया है. उसके बाद वे उच्च स्तरीय बैठक करेंगे और अधिकारियों को निर्देश देंगे. 



बिहार में बाढ़-बारिश से हाहाकार


नेपाल में हो रही तेज बारिश की वजह से बिहार की गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण बिहार के पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा जिले बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं राज्य के 55 प्रखण्डों में 269 गांव और पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. बिहार में लगभग 9.90 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, 4 जिलों में 7 जगहों पर तटबंध टूटे हैं. 

बता दें कि सीतामढ़ी जिला में बेलसंड प्रखण्ड में आने वाला मधकौल और सौली रूपौली के अलावा रुन्नीसैदपुर प्रखण्ड के तिलकताजपुर और खडुआ में तटबंध टूट गया है. वहीं पश्चिम चम्पारण जिले में बगहा प्रखण्ड स्थित खैरटवा गांव में और शिवहर जिला के तरियानी प्रखण्ड स्थित छपरा में तटबंध टूटा है. इसके अलावा दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखण्ड के भुबोल गांव में कोसी तटबंध भी टूट चुका है. NDRF और SDRF की टीमें नावों के माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की कुल 15 टीम और SDRF की भी 15 टीमों को तैनात किया गया है. 



वहीं दूसरे राज्यों से बुलाई गई 6 टीमें भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी जा रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में 127 सामुदायिक रसोई केन्द्र का संचालन किया जा रहा है और कम्युनिटी किचन के जरिए लगभग 49400 लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इसके अलावा 71 राहत शिविर का भी संचालन किया जा रहा है. रिलीफ कैंप में 54700 बाढ़ शारणार्थी शरण लिये हुए हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 30500 पॉलीथीन शीट और लगभग 25600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया जा चुका है. 

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बता दें कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और प्रभावित इलाकों में आवागमन के लिए 800 नावों का इंतजाम किया गया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल हेतु पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की भी गई है. जलमग्न क्षेत्रों में 8 बोट एम्बुलेंस का भी परिचालन किया जा रहा है, जिन पर मोबाईल मेडिकल टीम तैनात है. इसके अलावा पशुओं के लिए दवा और चारे का भी इंतजाम किया गया है.

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Input- शुभम लाल

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