मोटर इंश्योरेंस के नियमों में होने वाला है बड़ा बदलाव, वाहन बीमा के लिए देने होंगे 'ऑन द स्पॉट' पैसे

भारत में करीब 50 फ़ीसदी वाहन बिना वाहन बीमा के ही सड़कों पर चल रहे हैं. इन वाहनों के साथ समस्या है कि अगर ये किसी वाहन दुर्घटना का शिकार होते हैं तो बीमा ना होने की वजह से हादसे में पीड़ित व्यक्ति को इलाज तक के लिए क्लेम नहीं मिल पाता है. अब परिवहन मंत्रालय बिना बीमा वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है.

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मोटर इंश्योरेंस के नियमों में होने वाला है बड़ा बदलाव (Representational Image) मोटर इंश्योरेंस के नियमों में होने वाला है बड़ा बदलाव (Representational Image)

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST

अभी तक आपने ये ज़रुर सुना, पढ़ा या देखा होगा कि बिना हेलमेट के दोपहिया चलाने वालों को रोककर हेलमेट दिया जाता है. कभी ये काम पैसे लेकर होता है तो कभी कुछ संस्थाएं या व्यक्ति अपने खर्च पर ऐसा करते हैं, लेकिन अब जल्दी ही आपको ये भी देखने को मिलेगा कि जिन वाहनों के पास मोटर बीमा पॉलिसी नहीं है, उन्हें ट्रैफिक चेकिंग में पकड़े जाने पर तुरंत मोटर इंश्योरेंस खरीदना होगा. इसके लिए इन लोगों से मौके पर ही पैसा भी वसूला जाएगा जिसके पैसे फास्टैग से कटेंगे. इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है और एक बार नए नियम लागू होते ही वाहन चालकों के लिए बिना बीमा सड़क पर वाहन चलाना बीती बात हो जाएगी. 

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कार बाइक के इंश्योरेंस के बदलेंगे नियम!
सड़क पर कोई भी वाहन चलाते समय जिन दस्तावेजों की ज़रुरत होती है उनमें वाहन बीमा भी एक ज़रुरी डॉक्यूमेंट है. अगर सड़क पर कोई वाहन बगैर मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के चल रहा है तो नियमों के मुताबिक उसका चालान कट सकता है. अभी तक जारी इस नियम में आने वाले दिनों में संशोधन के बाद मुमकिन है कि जुर्माने के साथ साथ 'ऑन द स्पॉट' मोटर वाहन बीमा भी खरीदना पड़ेगा जिसके लिए बीमा की रकम फास्टैग से काटी जाएगी. 
  
बगैर बीमा पॉलिसी के चल रहे हैं 50% वाहन
परिवहन मंत्रालय बिना बीमा वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है. इसकी वजह है कि मोटर इंश्योरेंस को लेकर भारतीय बेहद लापरवाह हैं. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में करीब 50 फ़ीसदी वाहन बिना वाहन बीमा के ही सड़कों पर चल रहे हैं. इन वाहनों के साथ समस्या है कि अगर ये किसी वाहन दुर्घटना का शिकार होते हैं तो बीमा ना होने की वजह से हादसे में पीड़ित व्यक्ति को इलाज तक के लिए क्लेम नहीं मिल पाता है. यही कारण है कि सभी वाहनों का कम से कम थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य होता है. 

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कैसे काम करेगा नया नियम?
अब लापरवाह वाहन चालकों के लिए सरकार ऐसा सिस्टम बनाने जा रही है जिसमें पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के अफसर एक उपकरण की सहायता से बिना बीमा के सड़क पर चलते वाहन को तुरंत थर्ड पार्टी बीमा दिला देंगे. इसके लिए सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन ऐप की मदद ली जाएगी. इस एप की मदद से पकड़े गए वाहन की सारी जानकारी मिल जाएगी. अगर इसमें पाया गया कि वाहन का बीमा नहीं हुआ है तो तुरंत वाहन मालिक को मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का विकल्प दिया जाएगा. इसमें बीमा की रकम फास्टैग से चुकाने का प्रावधान भी रहेगा. 

बीमा कंपनियों को फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा!
इस नए नियम को प्रभावी बनाने के लिए मोटर इंश्योरेंस कंपनियों को फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है. इसके तहत फास्टैग में मौजूद रकम से प्रीमियम काटा जाएगा. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के एक अफसर के मुताबिक, बैठक में नए नियम के कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें तैयार की जा रही हैं और 17 मार्च की बैठक में इस पर चर्चा होगी. इसके साथ ही राज्य सरकारों से भी मिलकर इस नियम को लागू करने के तरीकों पर विचार किया जाएगा जिससे सभी एजेंसियां बिना रोक टोक के इसे लागू कर सकें.

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पकड़े गए वाहनों को मिलता है शॉर्ट टर्म बीमा
IRDAI ने पहले ही बिना बीमा के पकड़े गए वाहनों के लिए अस्थाई या शॉर्ट टर्म बीमा जारी करने की अनुमति बीमा कंपनियों को दी हुई है. लेकिन नया नियम आने के बाद इसको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मुहैया कराने की स्कीम से बदल दिया जाएगा. फिलहाल इसके लिए कानूनी बाधाओं को दूर करने पर चर्चा हो रही है. अगर ज़रुरत पड़ी तो मोटर व्हीकल्स एक्ट और बीमा नियमों में संशोधन करके इसे लागू कर दिया जाएगा.

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