Delhi Electric Vehicle Policy: दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ा बदलाव जल्द देखने को मिल सकता है. नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (EV Policy) का ड्राफ्ट आने से पहले ही सरकार के इरादे साफ नजर आ रहे हैं. रेखा गुप्ता सरकार मिडिल क्लास को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शिफ्ट होने पर मोटी सब्सिडी देने की तैयारी में है. प्रदूषण से जूझ रही राजधानी के लिए यह नीति न सिर्फ जेब पर हल्की पड़ेगी, बल्कि दिल्ली की आब-ओ-हवा के लिए भी भारी राहत साबित हो सकती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के ड्राफ्ट के अनुसार, जो लोग अपने पेट्रोल टू-व्हीलर को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में बदलेंगे, उन्हें 35,000 से 40,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह कदम खासतौर पर उन मध्यमवर्गीय परिवारों को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है, जिनके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआती कीमत अब तक एक बड़ी समस्या बनती रही है.
देश में ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक्स की शुरुआती कीमत तकरीबन 1 लाख रुपये है. ऐसे में यदि नई ईवी पॉलिसी के तहत 35,000 से 40,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है. तो इन वाहनों की कीमत लगभग 60-65 हजार रुपये के आसपास रह जाएगी. हालांकि इसके लिए ग्राहकों को अपने पुराने दोपहिया वाहनों (ICE) को ईवी में कन्वर्ट करना होगा.
नई नीति में कमर्शियल थ्री-व्हीलरों के लिए भी भारी सब्सिडी का प्रस्ताव है, ताकि ऑटो और ई-रिक्शा जैसे वाहनों को तेजी से इलेक्ट्रिक में बदला जा सके. इसके अलावा 20 लाख रुपये तक की पेट्रोल या डीजल कारों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने पर भी सब्सिडी देने की योजना है. इससे निजी कार मालिकों को भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा.
दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार नई ईवी पॉलिसी का ड्राफ्ट जनवरी के पहले सप्ताह तक सार्वजनिक किया जा सकता है. इसके बाद स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से सुझाव लेकर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. सरकार का फोकस साफ है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाई जाए. ताकि पारंपरिक फ्यूल (पेट्रोल, डीजल) पर निर्भरता करने के साथ-साथ ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिले और प्रदूषण से भी राहत मिल सके.
हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट, डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग सहित कई एजेंसियों से फीडबैक लिया गया. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक इस बैठक में कई नए पहलुओं पर चर्चा हुई और आने वाले दिनों में ठोस कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली सरकार ने 2020 में पहली बार EV पॉलिसी को लागू किया था, जिसका उद्देश्य राजधानी में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को मुख्यधारा में लाना था. यह नीति अगस्त 2023 तक प्रभावी रही. नई नीति तैयार होने में लग रहे समय के कारण सरकार ने इसे कई बार अस्थायी रूप से बढ़ाया, ताकि इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ताओं और उद्योग को किसी तरह की समस्या न हो.
मौजूदा EV पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों पर प्रति kWh 5,000 की सब्सिडी दी गई, जिसकी अधिकतम सीमा 30,000 तय की गई थी. वहीं, इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों के लिए 30,000 की फ्लैट प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया था. इलेक्ट्रिक कारों पर दी जाने वाली सब्सिडी अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक सीमित थी और यह लाभ केवल पहले 1,000 वाहनों तक ही उपलब्ध कराया गया. बाद में यह सब्सिडी पूरी तरह से वापस ले ली गई. इसके बावजूद, इलेक्ट्रिक कारों को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से छूट दी गई, जिससे शुरुआती लागत कुछ हद तक कम हुई.
अब जब नई EV पॉलिसी का ड्राफ्ट अंतिम चरण में है, तो मिडिल क्लास और EV खरीदारों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या आने वाली पॉलिसी पिछली नीति से बेहतर होगी. पुरानी नीति ने नींव जरूर रखी, लेकिन नई नीति से राजधानी को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की उम्मीद की जा रही है.
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