Black pepper cultivation: भारत में मसालों के उपयोग का एक अहम महत्व है. खाने से लेकर कई बीमारियों तक में इनका उपयोग किया जाता है. इन सभी मसालों में काली मिर्च की जगह सबसे महत्वपूर्ण है. इसकी मांग देश से लेकर विदेशों तक में है. भारत में ज्यादातर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है. हालांकि, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों में भी अब इसकी खेती शुरू हो गई है.
कम लागत ज्यादा मुनाफा: कम लागत और ज्यादा मुनाफा होने की वजह से अब ये धीरे-धीरे किसानों के बीच ये फसल खासा लोकप्रिय होते जा रही है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसको देखभाल के लिए ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती. वहीं, मांग की वजह से इसका बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाता है, किसानों को कोई खास जद्दोहद नहीं करनी पड़ती है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर के कोंडागांव के रहने वाले डॉ. राजाराम त्रिपाठी मां दंतेश्वरी हर्बल संस्थान समूह नाम से किसानों का एक समूह चलाते हैं. इस समूह के सदस्य किसान आपस में मिलकर काली मिर्च जैसे मुनाफे की फसलों की खेती करते हैं और एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहते हैं.
लाखों तक पहुंच सकता है मुनाफा
डॉ. राजाराम कहते हैं कि काली मिर्च एक पेड़ से आप 15 से 20 हजार तक मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन ये मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की देखभाल पर निर्भर करता है. वह कहते हैं कि फिलहाल वे एक एकड़ से तकरीबन 5 से 7 लाख मुनाफा कमा लेते हैं. हालांकि, बाजार में काली मिर्च की मांग या पैदावार में इजाफा होने की वजह से इसका मुनाफा बढ़ने की भी गुंजाइश रहती है. जो कि 10 लाख के आसपास भी पहुंच सकती है. पौधे के पुराने हो जाने पर इसका मुनाफा और भी बढ़ सकता है.
कैसे करें इसकी खेती
काली मिर्च की खेती 10 डिग्री सेसे लेकर 50 डिग्री सेल्सियस पर की जा सकती है. इसका रोपण कलम विधि के माध्यम से किया जाता है. जगह, और जलवायु के हिसाब से इसके फसलीकरण के लिए अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया जाता है. अलग-अलग तकनीकों में पौध से पौध के बीच की दूरी अलग-अलग रखते हैं. हालांकि, काली मिर्च की खेती के लिए इंटरक्रॉपिंग विधि सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
सचिन धर दुबे