देशभर के किसान लंबे समय से हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे कई जंगली जानवरों के हमलों से फसलों को होने वाले नुकसान से जूझ रहे हैं. यह समस्या विशेष रूप से उन किसानों में अधिक गंभीर बन जाती है जो वन क्षेत्रों, वन गलियारों और पहाड़ी इलाकों के आसपास बसे हुए हैं. अब तक इस तरह के नुकसान फसल बीमा योजनाओं के अंतर्गत शामिल नहीं किए जाते थे, जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ती थी.
इसी तरह, तटीय और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में धान की खेती करने वाले किसान बारिश और नदी-नालों के उफान से होने वाले जलभराव के कारण भारी नुकसान का सामना करते रहे हैं. इसके समाधान के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसकी मदद से अब स्थानीय स्तर पर फसल नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत समय से लाभ मिल सकेगा.
72 घंटों में देनी होगी जानकारी
संशोधित प्रावधानों के अनुसार, जंगली जानवरों से होने वाले फसल नुकसान को स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी के पांचवें ‘ऐड-ऑन कवर’ के रूप में मान्यता दी गई है. राज्य सरकारें जंगली जानवरों की सूची अधिसूचित करेंगी तथा ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों/बीमा इकाइयों की पहचान करेंगी. बता दें, किसान को फसल नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग्ड फोटो के साथ दर्ज करनी होगी.
इन राज्यों को मिलेगा फायदा
इस प्रावधान से सबसे ज्यादा फायदा उन राज्यों को मिल सकेगा जो लंबे समय से जंगली जानवरों की वजह से फसल नुकसान झेलते आ रहे हैं. इनमें ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड सहित हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के किसानों शामिल हैं.
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के आधिकारिक अकाउंट से इसकी जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जंगली जानवरों द्वारा फसल हानि एवं धान की फसल पर जल भराव पर आधारित PMFBY की विशेष रिपोर्ट को स्वीकृति दी है.
यह रिपोर्ट किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करती है, इसके तहत अब इन दोनों जोखिमों को स्थानीयकृत आपदा (Localised Calamity) के रूप में शामिल करने का रास्ता खुल गया है. रिपोर्ट में इन जोखिमों के आकलन के लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और कार्यप्रणाली भी सुझाई गई है.
सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक, रबी 2025-26 के लिए PMFBY में पंजीकरण जरूर कराएं. पंजीकरण की तारीख 1 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक है. आप अधिक जानकारी के लिए https://pmfby.gov.in पर जा सकते हैं या 14447 पर कॉल कर सकते हैं.
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क