सर्दियों के मौसम में जानवरों की विशेष देखभाल करना जरूरी है, क्योंकि बढ़ती ठंड उनकी सेहत औऱ दुग्ध उत्पादन पर सीधा असर डाल सकती है. अगर पशुधन का सही तरीके से ख्याल रखा जाए तो यह न केवल उनकी सेहत को सुरक्षित रखता है बल्कि आपको मुनाफा दिलाने में भी मदद कर सकता है. वहीं, ठंड के दिनों में की गई थोड़ी-सी लापरवाही पशुपालक को नुकसान भी पहुंचा सकती है.
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
सर्दियों में पशुधन का खास ख्याल रखने के संबंध में पशुपालन और डेयरी विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी है. पशुपालन और डेयरी विभाग ने बताया कि ठंड बढ़ते ही पशुओं को गरम और सूखा बिछावन देना चाहिए ताकि पशु ठंडी जमीन से बचे रहें. ठंड के मौसम में पशुओं को गुनगुना पानी पिलाना और हरा चारा, दाना व खली जैसी पौष्टिक चीजें खिलानी चाहिए ताकि उनकी ताकत और दूध उत्पादन बना रहा. इसके अलावा समय पर टीकाकरण कराना भी जरूरी बताया गया है.
वीडियो में दी जानकारी
पशुपालन और डेयरी विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की वीडियो में बताया है कि सर्दियों का मौसम जितना हमारे लिए चुनौतीपूर्ण है उतना ही हमारे पशुधन के लिए भी है. इसमें फर्क बस इतना है कि हम अपनी परेशानी बता सकते हैं लेकिन पशु नहीं बता पाते हैं.
पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जहां से ठंडी हवा आती है वहां तिरपाल, बोरी या घास लगाएं और फर्श पर सूखी पराली या भूसा बिछाएं. ऐसा करने से पशुओं को बहुत देर तक खड़े नहीं रहना पड़ेगा और वो आराम से बैठ सकेंगे. ठंड में पशुओं को सिर्फ पेट भरने वाला चारा नहीं बल्कि ऊर्जा देने वाला आहार चाहिए होता है, जैसे भूसे के साथ गुड़, मक्का, सरसों या मूंगफली की खली दें.
पशुओं को बहुत ठंडा पानी नहीं दें, इसकी जगह उनको हल्का गुनगुना पानी पिला सकते हैं. ठंड में पशुधन को निमोनिया, खांसी और बुखार का खतरा बढ़ जाता है इसलिए समय पर टीकाकरण और डी-वार्मिंग कराना जरूरी है. नथुनों से बहाव, आंखों में पानी या तेज सांस दिखाई दे तो तुरंत पशुचिकित्सक को दिखाएं. कोशिश करें कि दिन में एक बार पशुधन को खुली धूप में जरूर बैठाएं. जैसे हम अपने बच्चों को ठंड से बचाते हैं उसी जिम्मेदारी से पशुधन का ख्याल रखना हर पशुपालक की प्राथमिकता है.