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अमेरिका के मानवरहित अंतरिक्ष विमान ने बनाया रिकॉर्ड, 908 दिन बाद धरती पर लौटा

अमेरिका का मानवरहित सैन्य अंतरिक्ष विमान X-37बी ऑर्बिटल टेस्ट व्हीकल-6 अपना छठा मिशन पूरा करके धरती पर लौट आया है. वह नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर लैंड हुआ है. सौर ऊर्जा से चलने वाला यह विमान करीब ढाई साल अंतरिक्ष में रहकर आया है. साइंस एक्सपेरिमेंट के लिए उसे अंतरिक्ष में भेजा गया था.

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नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर सैन्य अंतरिक्ष विमान
नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर सैन्य अंतरिक्ष विमान

अमेरिका का एक मानवरहित सैन्य अंतरिक्ष विमान शनिवार को धरती पर लौटा आया है. इस विमान ने अपनी कक्षा में रिकॉर्ड 908 दिन बिताए, जो एक एक रिकॉर्ड है. AP ने इसकी जानकारी दी है. इस सैन्य अंतरिक्ष विमान का यह छठा मिशन था. एनआईए के मुताबिक सौर ऊर्जा से चलने वाला यह विमान नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर पर उतरा. सौर ऊर्जा से चलने वाला अंतरिक्ष यान एक रिटायर्ड अंतरिक्ष यान जैसा दिखता है, लेकिन यह कई गुना छोटा है. यह करीब 9 मीटर (29 फुट) लंबा है. इससे पहले इसने पांच मिशन किया जो 224 से 780 दिनों तक चले थे.

बोइंग के सीनियर वाइस प्रेसिंडेंट और विमान को विकसित करने वाले जिम चिल्टन ने बताया कि 2010 में पहली बार X-37बी को लॉन्च किया गया था. इसके बाद से इसने कई रिकॉर्ड बनाए हैं. इसने हमारे देश को नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का तेजी से परीक्षण और एकीकृत करने के लिए एक बेजोड़ क्षमता प्रदान की है. यह पहली बार है, जब अंतरिक्ष विमान ने एक सेवा मॉड्यूल की तरह काम किया. मई 2020 छठा मिशन केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से युनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस वी रॉकेट से लॉन्च किया गया था. 

छठा मिशन पूरा करके लौटा है मानवरहित सैन्य अंतरिक्ष विमान

1.3 अरब मील की भर चुका उड़ान, 3774 दिन स्पेश में रहा

अंतरिक्ष संचालन के प्रमुख जनरल चांस साल्ट्जमैन ने बताया कि यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग पर अंतरिक्ष बल के फोकस पर प्रकाश डालता है. वायु सेना विभाग के भीतर और बाहर हमारे साझेदारों के लिए अंतरिक्ष में कम लागत वाली पहुंच का विस्तार करता है. X-37बी अब तक 1.3 अरब मील से अधिक की उड़ान भर चुका है और अंतरिक्ष में कुल 3,774 दिन बिता चुका है.

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अंतरिक्ष में बीजों की लंबी अवधि तक रहने पर प्रयोग किया

साइंस एक्सपेरिमेंट के लिए यह विमान इतने दिनों तक अंतरिक्ष की कक्षा में था. X-37बी ऑर्बिटल टेस्ट व्हीकल-6 (OTV-6) ने कृषि समेत कई तरह के प्रयोग किए गए. बीजों पर लंबी अवधि के अंतरिक्ष जोखिम के प्रभावों का मूल्यांकन किया. 

इसने नौसेना अनुसंधान प्रयोगशाला, अमेरिकी वायु सेना अकादमी और अन्य के लिए प्रयोग किए. पहली बार, वाहन में पेलोड की संख्या बढ़ाने के लिए एक सर्विस मॉड्यूल ले जाया जा सकता है. सुरक्षित और सफल लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए डी-ऑर्बिटिंग से पहले मॉड्यूल को ऑर्बिटल टेस्ट व्हीकल (ओटीवी) से अलग किया गया.

यह मिशन ने अंतरिक्ष में मटीरियल एक्सपोजर और टेक्नॉलजी इनोवेशन (एमईटीआईएस -2) समेत अंतरिक्ष पर्यावरण मॉडल की सटीकता को साबित करने और सुधारने के लिए कई सामग्रियों पर स्पेस एक्सपोजर के प्रभावों का मूल्यांकन किया. इस तरह के प्रयोग के लिए विमान की यह दूसरी उड़ान थी. 

एक्सपेरिमेंट के बीच फाल्कनसैट-8 नामक एक उपग्रह था, जिसे यूएस एयरफोर्स रिसर्च लेबोरेटरी के साथ साझेदारी में एकेडमी के कैडेटों द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था. इसे अक्टूबर 2021 में तैनात किया गया था. यह अभी भी कक्षा में बना हुआ है.

 

 

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