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₹1 लाख सैलरी, काम है सिर्फ खाना! वजन बढ़ने पर बोनस, चीन में मिल रही ये नौकरी

चीन में इन दिनों 'फूड टेस्टर' की नौकरी काफी चर्चा में है. इस काम में लोगों को बाजार में आने से पहले नए फूड प्रोडक्ट्स का स्वाद, बनावट, खुशबू और लुक चखकर एक रिपोर्ट तैयार करनी होती है. इस नौकरी का सबसे अनोखा पहलू यह है कि अगर बार-बार खाना चखने की वजह से कर्मचारी का वजन बढ़ जाता है, तो कंपनियां उन्हें 'वेट गेन सब्सिडी' के तौर पर एक्स्ट्रा पैसा देती हैं.

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चीन की अजीब नौकरी (Photo: Pexels)
चीन की अजीब नौकरी (Photo: Pexels)

कल्पना कीजिए आपको हर महीने लाखों रुपये मिलें और आपका एकमात्र काम हो सिर्फ खाना.  चीन में इन दिनों 'फूड टेस्टर' या 'सेन्सरी इवैल्यूएशन इंजीनियर' की नौकरी तेजी से वायरल हो रही है. यह काम बाहर से देखने में ऐसा लगता है जैसे सपनों वाली नौकरी हो- मजेदार, स्वाद से भरी और अच्छी कमाई वाली. लेकिन इसकी हकीकत उतनी ही कठिन और आपकी सेहत के लिए जोखिम भरी है. 

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस काम में अगर आपका वजन बढ़ जाए, तो कंपनियां आपको डांटने या नौकरी से निकालने के बजाय एक्स्ट्रा पैसा देती हैं, जिसे वे 'वेट गेन सब्सिडी' कहते हैं. यह ऐसा जाल है जहां पेट भरा तो बैंक बैलेंस भी भरता है, पर क्या यह सचमुच इतना आसान है?  इस अनोखी नौकरी के पीछे की कहानी को जानते हैं.

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काम नहीं, खाने का महा-टॉर्चर

फूड टेस्टर्स को स्नैक ब्रैंड्स, सुपरमार्केट और फूड फैक्ट्रियों में रखा जाता है. ये लोग खाने-पीने के नए प्रोडक्ट को मार्केट में उतारने से पहले उसका स्वाद, खुशबू, रंग और टेक्सचर यानी बनावट चेक करते हैं. इनकी मासिक आमदनी करीब ₹1 लाख तक होती है, जो किसी भी अच्छी नौकरी से कम नहीं है.

लेकिन काम आसान नहीं है. साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह काम किसी टॉर्चर से कम नहीं है. टेस्टर्स को एक दिन में 50 आइसक्रीम और किलो-किलो तक मीट के सैंपल चखने पड़ते हैं. सोचिए, गर्मियों में आइसक्रीम टेस्टर्स को 40-50 आइसक्रीम का स्वाद चखना पड़ता है. एक टेस्टर, मेई वान, तो एक ही सुबह में करीब 2.5 किलोग्राम तक सैंपल खा लेती हैं, जो कि एक वयस्क व्यक्ति की पूरे दिन की खुराक होती है.

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टेस्टर्स को मिलता है मोटापे का फायदा

इस नौकरी का सबसे अजीब और आकर्षक पहलू है वजन बढ़ने पर मिलने वाला 'एक्स्ट्रा क्रेडिट'. क्योंकि, अलग-अलग तरह का खाना चखने से शुरुआत में उनका वजन तेजी से बढ़ता है. रिपोर्टस् के मुताबिक, एक फूड टेस्टर नौकरी के पहले महीने में ही उसका वजन 10 किलो तक बढ़ गया. दरअसल, होता ये है कि कई टेस्टर्स शुरुआत में तेजी से मोटे हो जाते हैं और बाद में एक्सरसाइज करनी पड़ती है. लेकिन मजे की बात ये है कि कुछ कंपनियां इस बढ़ते वजन को कमजोरी नहीं, बल्कि मेहनत का प्रमाण मानती हैं. कई जगहों पर हर आधा किलो वजन बढ़ने पर एक्स्ट्रा बोनस तक दिया जाता है.

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सिर्फ चखना ही नहीं रिपोर्ट भी जरूरी

यहां सिर्फ खाने से मतलब नहीं होता. खाने के बाद उन्हें एक लंबी-चौड़ी रिपोर्ट तैयार करनी होती है, जो तय करती है कि प्रोडक्ट मार्केट में चलेगा या नहीं. उन्हें स्वाद, टेक्सचर, खाने के बाद का स्वाद और यहां तक कि प्रोडक्ट के लुक तक सब कुछ अपनी रिपोर्ट में दर्ज करना होता है. यानी, आपको हर चीज बहुत ध्यान से चखनी पड़ती है, जैसे आप कोई वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हों.

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जान गवाने का भी रहता है डर

यह काम जितना दिलचस्प है, उतना ही जोखिम भरा भी है. टेस्टर्स को कई बार ऐसे खाने भी चखने पड़ते हैं जिनमें गलती से कोई हानिकारक तत्व मिल सकता है, या जो किसी के शरीर में एलर्जी पैदा कर दे. इसलिए कंपनियां इन्हें पहले मेडिकल टेस्ट कराती हैं और हर छोटे रिएक्शन तक का रिकॉर्ड रखती हैं. कहा जाता है कि एक गलती से टेस्टर्स की सेहत पर बड़ा असर पड़ सकता है.

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