कैनेडी स्पेस सेंटर
फ्लोरिडा के मेरिट द्वीप पर स्थित जॉन एफ कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center KSC), नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के दस फील्ड सेंटरों में से एक है. दिसंबर 1968 से, केएससी मानव अंतरिक्ष यान का नासा का प्राथमिक प्रक्षेपण केंद्र रहा है. अपोलो (Apollo), स्काईलैब (Skylab) और स्पेस शटल (Space Shuttle) कार्यक्रमों के लिए लॉन्च ऑपरेशन कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 से किए गए और केएससी द्वारा प्रबंधित किए गए. फ्लोरिडा के पूर्वी तट पर स्थित, केएससी केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन (CCSFS) के निकट है. दो संस्थाओं का प्रबंधन एक साथ मिलकर काम करता है, संसाधनों को साझा करता है और एक दूसरे की संपत्ति पर सुविधाओं का संचालन करता है.
हालांकि पहली अपोलो उड़ानें और सभी प्रोजेक्ट मर्करी और प्रोजेक्ट जेमिनी (Project Mercury and Project... और पढ़ें
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज़ादी के 75वें वर्षगांठ पर अपना पहला थ्रीडी वर्चुअल स्पेस म्यूजियम स्पार्क (SPARK) को लॉन्च किया है. इस वर्चुअल म्यूजियम में इसरो के इतिहास और सफलताओं का डिजिटल प्रदर्शन किया गया है. यह इतना इंटरैक्टिव है कि आप अपने लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल पर भी देख सकते हैं.
लेह से 164 किमी उत्तर-पूर्वोत्तर में आज रात करीब 8.11 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. आज यानी बुधवार को जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई.
RRB Group D Exam City, Admit Card 2022, Sarkari Result 2022 LIVE Updates: एग्जाम सिटी इंटीमेशन स्लिप जारी कर दी गई है. सभी रजिस्टर्ड उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट rrbmumbai.gov.in और rrbcdg.gov.in समेत अन्य रीजनल रेलवे वेबसाइट्स पर जाकर इसे डाउनलोड कर लें. उम्मीदवार 13 अगस्त, 2022 से बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट rrbcdg.gov.in पर अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे.
काफी इंतजार के बाद कौन बनेगा करोड़पति का नया अध्याय शुरु हो चुका है. आमिर खान बच्चन साहब के शो के पहले गेस्ट बने. इस दौरान आमिर खान ने 'लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग से जुड़ी वो चीज शेयर की, जो शायद ही किसी को पता होगा.
भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 सफलतापूर्वक हो गई है. इस रॉकेट के जरिए इसरो दुनिया के छोटे सैटेलाइट्स के बाजार में अपनी धाक जमाना चाहता है. इसके साथ पहली बार दो सैटेलाइट्स गए हैं.
अंतरिक्ष में आज भारत नई छलांग लगा रहा है. इसरो आज देश का नया स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है. खास बात ये कि ये छोटा रॉकेट आज जो दो छोटे सैटेलाइट्स ले जा रहा है उनमें से एक बच्चों ने बनाया है. आजादी सेट नाम का ये सैटेलाइट्स 750 बच्चों ने बनाया है. ये सेटेलाइट्स अंतरिक्ष में तिरंगा फहरा देगा. एसएसएलवी का इस्तेमाल आगे भी छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए किया जाएगा. यह एक स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है. इसके जरिए 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को निचली कक्षा यानी 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएगा. SSLV की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से की जाएगी.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 सफलतापूर्वक हो गई है. इस रॉकेट के जरिए इसरो दुनिया के छोटे सैटेलाइट्स के बाजार में अपनी धाक जमाना चाहता है. इसके साथ पहली बार दो सैटेलाइट्स गए हैं. इस मिशन में रॉकेट की लॉन्चिंग ही प्रमुख थी. जो सफल रही. लेकिन सैटेलाइट्स से संपर्क टूट गया है. इसरो वैज्ञानिक संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
हजारीबाग के कटकमसांडी ब्लॉक के महूंगाय गांव के रहने वाले सागर कुमार यादव आकाशीय बिजली में झुलस गए. जब उन्हें शुक्रवार की देर शाम मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया तो बिजली गायब थी और आनन-फानन में ईसीजी कराने के लिए मोबाइल टॉर्च की रोशनी का इस्तेमाल किया गया.
नौसेना और वायु सेना ऑपरेशन के लिए खुद के संचार उपग्रह का इस्तेमाल करती हैं लेकिन आर्मी अभी भी सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में उपग्रह संचार नेटवर्क का उपयोग कर रही है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही उसका अपना उपग्रह होगा. पिछले महीने उसने उपग्रह संचार प्रणाली को मजबूत करने के लिए पिछले महीने एक खास किस्म का अभ्यास किया था.
अंतरिक्ष से कचरे का एक बड़ा टुकड़ा ऑस्ट्रेलिया के एक खेत में गिरा. दावा किया जा रहा है कि यह टुकड़ा Elon Musk की स्पेसएक्स कंपनी के किसी रॉकेट या यान का कोई हिस्सा हो सकता है. यह टुकड़ा 10 फीट लंबा त्रिकोण आकार का है.
चीन अब अमेरिका की राह पर चल रहा है. जो स्पेस शटल प्रोग्राम अमेरिका बंद कर चुका है. चीन उसे अपने यहां शुरु कर चुका है. 5 अगस्त 2022 को चीन ने दोबारा उपयोग होने लायक स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है. यह धरती के चक्कर लगाकर वापस लौटेगा. इस दौरान उसे कई मानकों पर परखा जाएगा.
James Webb Space Telescope ने अंतरिक्ष में एक इतने खूबसूरत आकाशगंगा की तस्वीर ली है, जो पहिए के आकार का है. हैरानी इस बात की है कि इस गैलेक्सी के हर हिस्से की बारीक जानकारी मिल रही है. इस गैलेक्सी के अंदर एक तारे का निर्माण हो रहा है. जबकि, हबल से ली गई इसी गैलेक्सी की तस्वीर बेहद धुंधली थी.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 को हो सकती है. इस नए रॉकेट को ISRO ने बनाया है. जब देश में PSLV, GSLV जैसे शानदार रॉकेट्स मौजूद है फिर इस रॉकेट की जरुरत क्यों पड़ी. आइए जानते हैं कि नए रॉकेट से इसरो को किस तरह का फायदा होने वाला है. क्या इससे लॉन्च की लागत कम हो जाएगी?
अंतरिक्ष से कचरा जलते हुए आए और आपके पड़ोस वाले अपार्टमेंट में गिर पड़े. कुछ देर बाद आपको पता चले कि इस हादसे में किसी की मौत हो गई है. भरोसा रखिए आजतक ऐसा नहीं हुआ है. अब वैज्ञानिकों ने गणना की है कि क्या अंतरिक्ष के कचरे की टक्कर से किसी की मौत हो सकती है क्या?
वैज्ञानिकों ने चांद पर इंसानों के रहने लायक जगह खोज ली है. यहां पर तापमान इतना अच्छा है कि कुछ सामान्य परिवर्तन के साथ इंसान यहां पर रह सकते हैं. यहां रह कर काम भी कर सकते हैं. चांद पर भविष्य में इंसानी कॉलोनी बनाने के लिए यह खोज बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
एक कनाडाई कंपनी है जो लोगों को साल 2025 में अंतरिक्ष की यात्रा पर ले जाएगी. आप सिर्फ 1.25 लाख डॉलर्स यानी 99.9 लाख रुपये देकर 6 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा कर सकते हैं.
60-70 के दशक के बाद एक बार फिर स्पेस रेस शुरू हो रही है. रूस अब अमेरिका से आगे निकलना चाहता है. वह ISS से अलग होकर अपने भविष्य के स्पेस मिशन में चीन को शामिल करना चाहता है. रूस और चीन घोषणा कर चुके हैं दोनों मिलकर चांद की सतह पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाएंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस और अमेरिका में दूरियां बढ़ीं. अपने एक बयान में जो बाइडेन ने पुतिन को कसाई तक कह दिया था. शायद यही वजह है कि Space Station वाली पार्टनरशिप को तोड़ने का अंतिम फैसला राष्ट्रपति पुतिन ने लिया है. रूस की स्पेस ऐजेंसी Roscosmos ने इसका आधिकारिक एलान कर दिया है.
आख़िर आज वो दिन आ ही गया जब रूस ने अमेरिका से ये कह दिया कि अब हम अंतरिक्ष में साथ नहीं रह सकते. अब हमें International Space Station में 24 वर्षों से चली आ रही पार्टनरशिप को तोड़कर अलग होना पड़ेगा, अब रूस अपना खुद का एक अलग Space Station तैयार करेगा जिसकी शुरूआत 2 साल बाद 2024 से होगी. ये अंतरिक्ष से जुड़ी बहुत बड़ी खबर है. International Space Station स्पेस रिसर्च से जुड़े दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और महंगे Projects में से एक है. इसे बनाने और लंबे समय तक चलाने में सबसे बड़ी भूमिका-रूस और अमेरिका की है लेकिन अब ये सहयोग टूट रहा है. रूस ने ये फैसला क्यों लिया? सुधीर चौधरी के साथ आजतक के शो 'ब्लैक एंड व्हाइट' में इसकी वजह समझिये.
अंतरिक्ष की यात्रा के लिए एक निजी कंपनी ने अपने गोलाकार यान से पर्दा उठा दिया है. यह यान विशालकाय गुब्बारे की मदद से अंतरिक्ष में जाएगा. कांच के गोले के अंदर बैठे लोगों को अंतरिक्ष का आनंद दिलाएगा. फिर उन्हें धीरे-धीरे वापस धरती पर ले आएगा. इसमें कई प्रकार की लग्जरी सुविधाएं भी मिलेंगी.
रूस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) को साल 2024 के बाद ही छोड़ने की तैयारी में है. रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के नए प्रमुख ने यह ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी है.