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संजय सिन्हा की कहानी और बेटा-बेटी के नजरिए का फर्क

संजय सिन्हा की कहानी और बेटा-बेटी के नजरिए का फर्क

संजय सिन्हा सुना रहे हैं एक कहानी और उस कहानी के माध्यम से बेटे और बेटी के नजरिए के बीच का फर्क समझा रहे हैं कि कैसे एक बेटी ने जब पिताजी के सफल ऑपरेशन के बाद अमेरिका में रह रहे अपने भाई को फोन किया तो उसने रात और समय का हवाला देकर पिता से बात करने से इंकार कर दिया. वहीं दूसरी कहानी के माध्यम से वे बता रहे हैं कि कैसे जीवन में उजालों की वजह लड़कियां होती हैं. वो कैसे खुशियां लेकर आती हैं और घर का दरवाजा भी तो बेटियां ही खोलती हैं.

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