भारतीय हॉकी के स्वर्णिम दौर के सबसे मजबूत स्तंभों में से रहे बलबीर सिंह सीनियर का हॉकी के लिए प्यार उम्र के आखिरी पड़ाव तक जस का तस रहा और उनकी एकमात्र आखिरी इच्छा भारतीय टीम को ओलंपिक में नई ऊंचाइयां छूते देखने की थी. तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का 96 वर्ष की उम्र में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में सोमवार की सुबह निधन हो गया.
चंडीगढ़ में उनके घर में प्रवेश करते ही दीवारों पर सजे उनके प्रशस्ति पत्र, शेल्फ में रखी ट्रॉफियां और उस दौर की दास्तां कहती तस्वीरें उनकी उपलब्धियों और भारतीय हॉकी में उनके कद की गाथा स्वत: ही कह देती हैं.
बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर विराट कोहली ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'बलबीर सिंह सीनियर के निधन के बारे में सुनकर काफी दुखी हूं. इस शोक के समय में मेरे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ है.'
Saddened to hear about the passing of the legend, Balbir Singh Sr. My thoughts and prayers go out to his family in this time of sorrow. 🙏🏼 @BalbirSenior
— Virat Kohli (@imVkohli) May 25, 2020
India’s Greatest Hockey Player since Independence Sardar Balbir Singh Sr is no more..Long Live Sardar Balbir Singh Sr..RIP Legend.! pic.twitter.com/myDSfsti1r
— Bishan Bedi (@BishanBedi) May 25, 2020
Om shanti. Feel blessed to have met him, and heard his inspiring words and receive his blessings in person. We will always remember Balbir Singh Sr Sir as much for his humility as for precious Olympic medals. He will live on in every Indian#balbirsingh #balbirhockey pic.twitter.com/37NgBGqzWh
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) May 25, 2020
Deeply saddened to hear of the passing of Balbir Singh Sr ji. An athlete par excellence and a role model beyond words! His bestowed hands may strengthen my passions more. My condolences to his family, friends and fans!#balbirsingh #Balbirhockey pic.twitter.com/figkm8ibBW
— P.T. USHA (@PTUshaOfficial) May 25, 2020
#BalBirSingh ji- A True Giant and a half in his field. Hockey legend out and out. Condolences 🙏 #BalbirSinghSenior pic.twitter.com/4xClWGmhkT
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) May 25, 2020
I was rather shocked to hear the news of legendary Olympian Balbir Singh Sr untimely demise. My heart felt condolences to his family. I pray that the almighty gives his family the strength to withstand this tragic moment. May his soul rest in peace. #RIP pic.twitter.com/ynp8LXG1UV
— sreejesh p r (@16Sreejesh) May 25, 2020
लंदन ओलंपिक (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) में स्वर्ण जीतने वाले बलबीर सीनियर 1975 में एकमात्र विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर थे.
हेलसिंकी (1952) में उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम के ध्वजवाहक रहे बलबीर ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन के खिलाफ हैट्रिक लगाई और फाइनल में नीदरलैंड पर 6-1 से मिली जीत में पांच गोल दागे. वह रिकॉर्ड आज भी कायम है. हेलसिंकी ओलंपिक में बलबीर सीनियर ने भारत के 13 गोल में से नौ गोल दागे.
चार साल बाद मेलबर्न में वह टीम के कप्तान थे और पहले मैच में पांच गोल दागने के बाद घायल हो गए थे. सेमीफाइनल और फाइनल उन्होंने खेला जब पाकिस्तान को एक गोल से लगातार भारत ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई. भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम का शायद ही कोई ऐसा मैच हो जो उन्होंने नहीं देखा हो.
नहीं रहे हॉकी लीजेंड बलबीर सिंह सीनियर, 96 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
समय समय पर वह खिलाड़ियों को मार्गदर्शन भी देते आए हैं. उन्हें यकीन था कि रियो में नाकामी के बाद भारत टोक्यो ओलंपिक में जरूर पदक हासिल करेगा, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण ओलंपिक एक साल के लिए टल गए. बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारतीय टीम के क्वालिफाई नहीं कर पाने ने उन्हें आहत कर दिया था.
इसके चार साल बाद लंदन ओलंपिक के दौरान आधुनिक ओलंपिक के 16 महानतम खिलाड़ियों में उन्हें चुना गया और सम्मानित किया गया, लेकिन तब भी भारतीय टीम के ओलंपिक में 12वें और आखिरी स्थान पर रहने का दुख उनके चेहरे पर झलक रहा था.
भारतीय टीम जब 1975 में कुआलालम्पुर में विश्व कप खेलने की तैयारी कर रही थी तब टीम मैनजर रहे बलबीर सीनियर ने अभ्यास शिविर के दौरान डोरमेट्री के दरवाजे पर सुर्ख लाल रंग से लिखवा दिया था,‘विश्व हॉकी की बादशाहत फिर हासिल करना ही हमारा मकसद है.’ भारतीय टीम ने कुआलालम्पुर विश्व कप में वही कर दिखाया था.