
अपनी किताब में शेन वॉर्न ने लिखा है कि क्रिकेट के मामले में उनके सबसे बेहतरीन साल 1993 से 1998 के बीच रहे हैं. ये कहानी 1999 की है. पाकिस्तान वर्सेज़ ऑस्ट्रेलिया, होबार्ट टेस्ट. 22 नवम्बर को दूसरा टेस्ट मैच ख़तम हुआ, ऑस्ट्रेलिया 4 विकेट से ये मैच जीती और शाम को चैनल टेन पर पूरे ऑस्ट्रेलिया ने इसी टेस्ट मैच का एक छोटा सा वीडियो देखा. वीडियो से ज़्यादा ऑडियो इम्पोर्टेंट था. पाकिस्तान 212 रन बना चुकी थी. इंज़माम और इजाज़ अहमद क्रीज़ पर थे और शेन वॉर्न बॉलिंग कर रहे थे. वॉर्न की एक बॉल को इंज़ी ने लेग साइड में धकेल दिया और दो रन के लिए दौड़े. डीप में गेंद के पास दौड़ कर आये करियर और सीरीज़ का दूसरा टेस्ट मैच खेल रहे स्कॉट म्युलर. उन्होंने पूरी ताक़त से गेंद गिलक्रिस्ट के पास फेंकी.
गिलक्रिस्ट टीम में नए-नए आये थे. असल में ये उनका भी दूसरा ही टेस्ट मैच था. 35 साल के हो चुके इयान हीली अपना आख़िरी मैच खेल चुके थे और इस घटना के वक़्त कमेंट्री बॉक्स में अपनी सेकंड इनिंग्स की शुरुआत कर रहे थे. गिलक्रिस्ट की दिशा में फेंकी गयी गेंद पर ज़ोर कुछ ज़्यादा ही लगा दिया गया था लिहाज़ा वो उनके सर के ऊपर उड़ती हुई निकल गयी. चैनल टेन ने दिखाया (सुनाया) कि इसके अगले ही सेकंड शेन वॉर्न ने कहा, "न बॉलिंग कर पाता है, न थ्रो कर पाता है." ("He can't bowl and he can't throw.").
ये मैदान पर कहा गया एक बेहद नॉर्मल सा वाक्य भी हो सकता था जो कि असल में टीवी पर किसी ने भी सुना ही नहीं था. न जाने कैसे चैनल टेन ने उसके ऑडियो को एनहेंस करके वो आवाज़ उसमें 'निकाल' दी. सारा दोष शेन वॉर्न के सर पर डाला गया क्यूंकि वो बॉलर थे और स्टम्प माइक के पास और कोई था ही नहीं. वॉर्न ने ऐसा कुछ भी कहने से साफ़ इनकार कर दिया. जो उस वक़्त उन्होंने कहा था, अपनी किताब नो स्पिन में भी उन्होंने ठीक वही लिखा. उन्होंने बताया कि थ्रो के वक़्त वो हाथ बांधे बीच पिच में खड़े थे और कुछ बोल नहीं रहे थे. और इस बात की तस्दीक मैच की फ़ुटेज से की जा सकती है. लेकिन शेन वॉर्न की बात सुनता हुआ कोई दिख नहीं रहा था.
चैनल टेन के इस ख़ुलासे के बाद स्कॉट म्युलर खासे नाराज़ दिखे. ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने कई दिनों तक वॉर्न को ही निशाना बनाते हुए ख़बरें दिखाईं. चैनल्स पर लोगों के फ़ोन कॉल लिए जा रहे थे. ऑस्ट्रेलिया की जनता शेन वॉर्न को ज़िम्मेदार ठहराती जा रही थी. और वॉर्न लगातार ख़ुद को निर्दोष बता रहे थे. मामला इतना तक बढ़ गया कि मैच की फ्रंट-ऑन फ़ुटेज देखी गयी. मालूम पड़ा कि गेंद जब गिलक्रिस्ट के ऊपर से निकल गयी और उनके पीछे दूसरे फ़ील्डर ने उसे रोक लिया, उसके कुछ देर बाद तक वॉर्न अपनी जगह खड़े रहे और उनके होठ तक नहीं हिले थे. सिर्फ़ इतना ही नहीं, एक वॉइस एनलिस्ट बुलाया गया. उसने फ़ुटेज में सुनाई दे रही आवाज़ और वॉर्न की आवाज़ का मिलान किया. उसने भी कहा कि ये आवाज़ वॉर्न की नहीं थी. लेकिन शक़ अब भी बरक़रार था.
पाकिस्तान से सीरीज़ ख़त्म होने के बाद इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में आना था. पहला मैच दिसंबर के दूसरे हफ़्ते से शुरू होना था. इसके ठीक पहले, अचानक नाइन नेटवर्क के शो 'अ करेंट अफ़ेयर' में चैनल नाइन का एक कैमरामैन सामने आया - जो प्रेविटेरा. जो ने बताया कि असल में वो आवाज़ उनकी थी और उन्होंने वो बातें अपने साथी कैमरामैन से कही थीं लेकिन उनके माइक से वो उस फ़ीड में चली गयीं जो कि टीवी पर जा रही थी. शेन वॉर्न को लगा कि अब, जबकि वो आदमी भी सामने आ गया है जिसने ये वाक्य कहा था, सब कुछ शांत हो जायेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. ऑस्ट्रेलिया के लेबर पार्टी के एमपी मार्क लेथम ने चैनल नाइन पर आरोप लगाते हुए कहा कि नेटवर्क वॉर्न को बचाने की कोशिश कर रहा था क्यूंकि वॉर्न उनके लिए काम करते हैं. (ऑस्ट्रेलिया में होने वाले क्रिकेट मैचों के टेलीकास्ट राइट्स चैनल नाइन के ही पास थे.)

इस एक वाकये ने बहुत सी कहानियों को जन्म दिया. पर्थ में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के दौरान प्रेस बॉक्स में ऑस्ट्रेलिया के बेहद सीनियर क्रिकेट राइटर मैल्कम कॉन इस बारे में बात करने लगे. उन्हें विश्वास था कि वॉर्न ने म्युलर के बारे में वो बात कही थी और स्टम्प माइक ने उनकी आवाज़ पकड़ ली थी. उन्होंने प्रेस बॉक्स में मौजूद हर शख्स से कहा कि जो भी सोचता है कि वॉर्न ने ये कहा था, हाथ उठाए. सिर्फ़ एक शख्स ने हाथ नहीं उठाया - मेलबर्न एज के साथ काम करने वाले मार्टिन ब्लेक. ये देखकर मैल्कम कॉन ने ब्लेक को गधा कह दिया. (कहा तो कुछ और था, आप गधा समझ लीजिये.) ये सुनते ही मार्टिन ब्लेक खड़े हुए, अपनी कुर्सी फेंकी, सीधा मैल्कम कॉन पर कूद गए और भरे हुए प्रेस बॉक्स में कॉन का गिरेबान पकड़ कर कहा, "आज के बाद मुझे कभी गधा मत कहना."
जिस मैच के दौरान कॉन और ब्लेक प्रेस बॉक्स में गुत्थम-गुत्था हुए, उसमें इस किस्से का मेन किरदार, स्कॉट म्युलर खेल ही नहीं रहा था. उन्हें टीम में नहीं रखा गया. अपने पहले दो टेस्ट मैचों में 7 विकेट लेने वाले और टीम के उपकप्तान शेन वॉर्न से नाराज़ म्युलर को टीम में जगह क्यूं नहीं मिली, इसका जवाब उन्होंने काफ़ी वक़्त तक ढूंढने की कोशिश की. ऑस्ट्रेलिया ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ 3-0 से जीती.
इंडिया के आने की तैयारी शुरू हो चुकी थी. इसी बीच चैनल नाइन के शो पर शेन वॉर्न और कैमरामैन जो आये जहां जो ने अपनी गलती मानी और म्युलर से माफ़ी भी मांगी. म्युलर को इस पूरी 'कहानी' पर विश्वास ही नहीं हुआ और उन्होंने इस कथा का अंत नहीं होने दिया. वो लगातार ये बात कह रहे थे कि वो शेन वॉर्न के ख़िलाफ़ कोर्ट जायेंगे.
देवांग गांधी, विजय भारद्वाज, एमएसके प्रसाद से लैस इंडियन टीम पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ ख़त्म होने के 2 रोज़ पहले ही ऑस्ट्रेलिया आ चुकी थी. तीसरे टेस्ट में जगह न पाने वाले म्युलर अपनी क्वीन्सलैंड की स्क्वॉड में शामिल हो गए और इंडिया के ख़िलाफ़ 29 नवम्बर से होने वाले पहले प्रैक्टिस मैच के लिए खुद को अवेलेबल घोषित कर दिया. उन्हें अंतिम ग्यारह में जगह भी मिली. दोनों इनिंग्स में म्युलर ने 3-3 विकेट लिए. सचिन को दोनों इनिंग्स में उन्होंने ही आउट किया. वॉर्न के "He can't bowl and he can't throw" से वो उबरे नहीं थे. दूसरी इनिंग्स में सचिन का विकेट लेकर उन्होंने शेन वॉर्न को इसका जवाब देने की ठानी. वो स्टंप्स के पास गए और उसमें लगे माइक्स में बोले - "Six for the game, Warnie..."
इसके बाद स्कॉट म्युलर को कभी भी ऑस्ट्रेलिया के लिउए खेलने का मौका नहीं मिला. 4 महीने बाद उनका फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट करियर ख़तम हो गया.
जो प्रेविटेरा, जिन्हें अब हर कोई 'जो - द कैमरामैन' के नाम से जानता है, दिसंबर 2010 में एक बार फिर क्रिकेट से जुड़ी ख़बरों में आये थे. इस बार वो इंटरनेट पर वायरल हुए. मेलबर्न में खेले जा रहे सीरीज़ के पहले मैच के दूसरे दिन इंडिया की बैटिंग शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही वो गिलक्रिस्ट और स्लिप में खड़े मैथ्यू हेडेन के पीछे सेगवे से गिर पड़े. जो का गिरना टीवी पर देखा गया और वायरल होने की अभी-अभी शुरू हुई परम्परा में वो भी हिस्सेदार बन गए. अगले रोज़ उनकी नकल करते हुए इयान हीली (जो कि स्कॉट म्युलर वाले उस टेस्ट मैच में भी कमेंट्री बॉक्स में मौजूद थे) ने जो की ही तरह सेगवे पर मैदान में दौड़ लगानी चाही और वो भी गिर पड़े. दिसंबर 2018 में 'जो - द कैमरामैन' चैनल नाइन से चैनल सेवेन में चले गए.
स्कॉट म्युलर का 11 जुलाई को जन्मदिन होता है.