वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू वनडे-टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है. इसमें ऑलराउंडर दीपक हुड्डा को जगह मिली है. दीपक को वनडे स्क्वॉड में रखा गया है. उन्होंने अब तक टीम इंडिया के लिए कोई मैच नहीं खेला है. हुड्डा को डेब्यू का मौका मिल सकता है.
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ऑलराउंडर दीपक हुड्डा के क्रिकेट के प्रति जुनून की तुलना ‘कैंडी स्टोर’ में खड़े बच्चे से करते हैं. वह केवल क्रिकेट के मैदान पर खेल का भरपूर आनंद लेना चाहते हैं. भारत के पूर्व ऑलराउंडर पठान ने कहा, ‘वह क्रिकेट खेलने का भरपूर आनंद लेता है.’
इरफान पठान ने की दीपक हुडा की तारीफ
26 साल के हुड्डा के लिए मार्गदर्शक रहे इरफान पठान ने कहा, ‘यह सच्ची कहानी है. बहुत सी टीमें उसे चाहती थीं. उसे पैसे की परवाह नहीं थी. वह सिर्फ मैदान पर उतरकर खेलना चाहता था और वह इसी तरह का इंसान है. जब क्रिकेट खेलने की बात आती है तो वह कैंडी स्टोर में खड़े एक बच्चे की तरह है. वह क्रिकेट को बेइंतहा चाहता है. वह अन्य फायदों की परवाह नहीं करता. आरसीए के पदाधिकारी भी हैरान थे कि उसने पैसे की बात ही नहीं की. वह व्यावसायिक मसलों पर बात नहीं करता.'
क्रुणाल के साथ हुई थी दीपक की झड़प
हुड्डा के लिए साल 2021 अच्छा नहीं रहा था. कप्तान क्रुणाल पंड्या के साथ झड़प के बाद उन्होंने बड़ौदा की टीम छोड़ दी थी, लेकिन उन्हें जिस भी टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला उसमें उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन किया और अब उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए पहली बार भारतीय वनडे टीम में शामिल किया गया है.
इस बल्लेबाजी ऑलराउंडर को 2017 में भारत की टी20 टीम में चुना गया था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था. भारत अब मध्यक्रम में बल्लेबाजी ऑलराउंडर की तलाश में है और ऐसे में इस 26 वर्षीय खिलाड़ी को अगले महीने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिल सकता है.
दीपक के लिए 12 महीने उतार-चढ़ाव वाले रहे
हुड्डा के लिए पिछले 12 महीने उतार-चढ़ाव वाले रहे, लेकिन उन्होंने अपने करियर के बुरे दौर से उबरने के लिए गजब की मानसिक मजबूती दिखाई. क्रुणाल के साथ बहस के बाद बड़ौदा टीम के होटल से बाहर निकलने के छह महीने बाद हुड्डा 2021-22 सत्र से पहले एक पेशेवर के तौर पर राजस्थान से जुड़े. अमूमन छोटी टीमों से जुड़ने वाले बाहरी खिलाड़ी को मैच शुल्क के अलावा अतिरिक्त भुगतान भी किया जाता है, लेकिन हुड्डा के लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं था और इसलिए उन्होंने कभी राजस्थान क्रिकेट संघ (RCA) के अधिकारियों से इस बारे में बात नहीं की.
वह खेल के मैदान पर लौटने के लिए बेताब थे और राजस्थान को भी उनके जैसे अच्छे खिलाड़ी की जरूरत थी. ऐसे में यह दोनों पक्षों के लिए यह फायदे की बात थी. आरसीए के सचिव महेंदर शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘वह केवल खेलना चाहता था. उसने कभी पैसे की बात नहीं की जैसा कि पेशेवर खिलाड़ी अमूमन करते हैं. हम जानते थे कि वह किन परिस्थितियों से गुजरा है. यह दोनों पक्षों के लिए फायदे का सौदा था. हमें उसके जैसे बल्लेबाजी ऑलराउंडर की जरूरत थी जो स्थानीय खिलाड़ियों का भी मार्गदर्शन कर सके.’
सैयद मुश्ताक अली में दूसरे टॉप स्कोरर रहे थे
उन्होंने कहा, ‘हमें खुशी है कि उसने हमारी तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया जिससे उसे भारतीय टीम में चुना गया.' हुड्डा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर थे. यह राजस्थान की तरफ से उनका पहला टूर्नामेंट था, जिसके बाद विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उन्हें कप्तान बनाया गया जहां उन्होंने कर्नाटक के खिलाफ शतक जमाया.