शास्त्रों में तुलसी के पौधे को अत्यंत पूजनीय माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में स्वयं देवी लक्ष्मी वास करती हैं. इसलिए ये पौधा भगवान विष्णु को भी अत्यंत प्रिय हैं. ज्योतिषविद बताते हैं कि घर में तुलसी रखकर उसकी सेवा करने से घर में सुखों का संचार होता है. उन्नति के द्वार खुलते हैं. धनधान्य की प्राप्ति होती है. लेकिन ये सेवा उस वक्त व्यर्थ लगने लगती है, जब व्यक्ति को लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में आदमी का भक्ति भाव से भरोसा भी टूटने लगता है. लेकिन ये समय संयम खोकर भक्ति भाव को बदलने का नहीं, बल्कि अपने तरीके सुधारने का होता है.
ज्योतिषविद कहते हैं कि यदि घर में तुलसी रखने के बावजूद व्यक्ति को लाभ नहीं मिल रहा है तो उसे तुरंत घर में तीन बदलाव करने चाहिए. आइए जानते हैं कि ये बदलाव क्या हैं.
1. दिशा में बदलाव करें
यदि आपको घर में तुलसी रखने पर भी लाभ नहीं मिल रहा तो पौधे की दिशा तुंरत बदल दीजिए. आपको घर की उत्तर या पूर्व दिशा में तुलसी लगानी चाहिए. यदि आपके घर के बीचोबीच पर्याप्त जगह है तो आप वहां भी तुलसी रख सकते हैं. इस जगह को ब्रह्म स्थान कहा जाता है. ध्यान रहे कि तुलसी के पास कूड़ेदान, जूते-चप्पल, कांटेदार पौधे और झाड़ू बिल्कुल नहीं रखनी चाहिए.
2. कुछ अवसरों पर न दें जल
तुलसी को हर रोज जल अर्पित करना जरूरी है. लेकिन कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जब तुलसी को जल देना वर्जित माना गया है. जैसे तुलसी माता को रविवार, एकादशी और ग्रहण के समय जल नहीं अर्पित किया जाता है. इन तीनों ही अवसरों पर तुलसी के पत्ते तोड़ना भी ठीक नहीं होता है. जिन घरों में ऐसा निरंतर किया जाता है, वहां कभी देवी लक्ष्मी वास नहीं करती हैं.
3. जल और दूध अर्पित करें
शुक्रवार देवी लक्ष्मी का वार माना जाता है. प्रत्येक शुक्रवार को स्नान के बाद एक लोटे में गंगाजल लेकर उसमें थोड़ा सा दूध मिला लें और फिर इसे तुलसी को अर्पित कर दें. इसके बाद वहीं बैठकर लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें. या फिर आप लक्ष्मी चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं. पूजा के दौरान आप तुलसी पर लाल या पीले रंग का कलावा भी बांध सकते हैं. इससे आपको बहुत ही मंगल परिणाम प्राप्त होंगे.