
Indresh Upadhyay Wedding: प्रसिद्ध कथावचक कृष्णचंद शास्त्री ठाकुर के बेटे कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी 5 दिसंबर को हरियाणा के यमुनानगर की शिप्रा शर्मा के साथ जयपुर में हुई थी. दोनों का वैदिक विवाह दिन में हुआ था और रात में आशीर्वाद समारोह हुआ था जिसमें भजन और गीतों के बीच साधु-संत और सेलिब्रिटीज ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया. शादी की विभिन्न रस्मों के बाद नई दुल्हन शिप्रा शर्मा का ससुराल में जोरदार स्वागत हुआ.
शिप्रा शर्मा का जब ससुराल में आगमन हुआ तो उसके वीडियोज सोशल मीडिया पर काफी शेयर किए गए. वीडियोज में एक चीज जो खास लगी कि दुल्हन के सिर पर एक लोटा (कलश स्वरूप) रखा हुआ था. अब ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आया कि ये रस्म कौन सी है जिसमें सिर पर कलश रखकर दुल्हन प्रवेश करती है और ऐसा क्यों करते हैं? तो आइए इस रस्म के बारे में आपको बताते हैं.

भारतीय परंपराओं के मुताबिक, दुल्हन के गृहप्रवेश के समय सिर पर लोटा (कलश) रखना बेहद शुभ और प्रतीकात्मक रस्म मानी जाती है. इसके पीछे कई सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं हैं.
वीडियो में दिखाई गई रस्में और साज-सज्जा बताती हैं कि दुल्हन का स्वागत अत्यंत धूमधाम, परंपराओं के साथ हुआ था. घर को काफी खूबसूरती के साथ सजाया गया था जहां केसरिया ध्वज भी फहराए जा रहे थे जो आध्यात्मिक और धार्मिक आधार को दिखा रहे थे.
घर के मुख्य द्वार से अंदर तक पूरे रास्ते पर लाल कार्पेट बिछाया गया था और उसके ऊपर धुएं (Fog) का प्रयोग किया गया था जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नवविवाहित जोड़ा किसी स्वर्गीय मार्ग पर चल रहा है.
स्वागत में खड़ी लड़कियों ने हाथों में चमकदार नीले रंग के कमल के आकार की लाइटें ले रखी थीं जिसने माहौल को और भी खूबसूरत बनाया था. जैसे ही इंद्रेश जी अपनी दुल्हन को लेकर प्रवेश करते हैं, उन पर चारों ओर से फूलों की वर्षा शुरू हो गई थी और आतिशबाजी की गई थीं.
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा ने ससुराल में भी पारंपरिक ड्रेस पहनी थी. दूल्हा इंद्रेश उपाध्याय ने हल्के पीच–ऑरेंज शेड की एंब्रॉयडर्ड शेरवानी पहनी थी. गले में लाल रंग का स्टोल डाला हुआ था.
दुल्हन शिप्रा शर्मा ने गुलाबी-सिंदूरी रंग की बनारसी सिल्क साड़ी पहनी है, जिसे लाल ट्रांसपेरेंट दुपट्टे के साथ ड्रेप किया गया था. सिर पर रखा चांदी का कलश और पीछे संभालती सखियां उनकी वैदिक ‘गौरी-पूजन’ और गृह-प्रवेश परंपरा को दर्शाती हैं.
मेहरून-गोल्ड बॉर्डर वाला दुपट्टा और मिनिमल जूलरी ने उन्हें पारंपरिक दुल्हन का रूप दिया था. उन्होंने घूंघट भी किया हुआ था.