यह संसार एक मोह-माया है. जिसके जाल में आप सब जकड़े हुए हैं. जब तक इस मायारूपी जाल से मुक्त नहीं होंगे. तब तक मोक्ष का मार्ग संभव नही नहीं है. मैं भाग्य युगो-युगो से देखता आ रहा हूं. की लोग काम, क्रोध, लोभ और मोह की फांस में ऐसे फंसे होते हैं उनका सत्य से साक्षत्कार ही नहीं हो पाता है.