तीन साल बाद आपके देश में कितने लोगों का वजन बढ़ जाएगा और कितने लोगों का वजन घट जाएगा ये देश के प्रमुख अखबारों की मदद से आज ही पता किया जा सकता है.
एक शोध में यह दावा किया गया है कि किसी देश की आबादी जो कुछ पढ़ती है उससे इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि तीन साल बाद वहां के कितने लोगों का वजन बढ़ेगा और कितने लोगों का घटेगा.
शोधकर्ताओं ने न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन टाइम्स अखबारों में पिछले 50 वर्षो में प्रकाशित खाने-पीने से जुड़ी चीजों के विश्लेषण के आधार यह निष्कर्ष निकाला है. उनका कहना है कि वर्तमान में जो भी खाने-पीने की चीजें अखबारों में चलन में होंगी उससे आने वाले तीन वर्षो में उस देश के मोटापे के स्तर पता किया जा सकता है.
सैन लुइस ओबीस्पो स्थित कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में मार्केटिंग के प्राध्यापक और शोध के मुख्य लेखक ब्रेनन डेविस के अनुसार, 'अगर आपके अखबारों में मिठाइयों और स्नैक्स का ज्यादा उल्लेख होता है और फलों तथा सब्जियों का कम उल्लेख होता है तो आने वाले तीन वर्षो में आपके देश में मोटापे का स्तर बढ़ेगा.'
50 सालों के दौरान अखबारों में चलन में रहने वाले खाद्य पदार्थों पर अपनी नजर रखने वाले डेविस आगे कहते हैं, 'इसके उलट यदि मिठाइयों एवं स्नैक्स का जिक्र कम होता है और सब्जियों एवं फलों का जिक्र ज्यादा है तो आने वाले वर्षों में उस देश में मोटापे के स्तर में कमी आएगी.'
शोध में न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन टाइम्स में छपे लेखों में खाने-पीने से जुड़े शब्दों और हर देश की सालाना बॉडी मास इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया गया है. कॉर्नेल फूड एंड ब्रांड लैब के सहयोग से यह शोध किया गया है.
शोध के मुख्य लेखक तथा कॉर्नेल के निदेशक ब्रायन वेनसिंक का कहना है, 'वास्तव में अखबार किसी देश का मोटापा स्तर बताने वाले भविष्यवक्ता हैं. शुरुआती शोध सकारात्मक संदेश देता है कि ज्यादा सब्जियों का सेवन आपके वजन को कम करता है.' शोध पत्रिका बीएमसी पब्लिक हेल्थ के ताजा अंक में यह शोध प्रकाशित हुआ है.
इनपुट: IANS