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उत्तराखंड: पीएम मोदी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' पर NGT ने लगाई रोक, कमेटी की रिपोर्ट आने पर होगा फैसला

राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कॉर्बेट नेशनल पार्क में पखरो टाइगर सफारी परियोजना को रोकने का आदेश दे दिया है. ये आदेश कथित तौर पर अवैध रूप से 6,093 पेड़ कटने के बाद लिया गया है. अब इसे लेकर एक कमेटी अपनी रिपोर्ट दायर करेगी, जिस पर आगे फैसला लिया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड सरकार को कॉर्बेट नेशनल पार्क में पखरो टाइगर सफारी परियोजना को रोकने का आदेश दिया है. इस प्रोजेक्ट को तब तक रोका गया है, जब तक कि डीजी फॉरेस्ट, डीजी वाइल्डलाइफ और डीजी 'प्रोजेक्ट टाइगर' की 3 सदस्यीय समिति पेड़ों की कथित अवैध कटाई पर अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करती है.

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कॉर्बेट नेशनल पार्क में 16.21 हेक्टेयर इलाके में पखरो टाइगर सफारी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए 6,093 से अधिक पेड़ काटे गए.


इसके खिलाफ वन्यजीव कार्यकर्ता गौरव कुमार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद एफएसआई ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था.

बता दें कि पखरो टाइगर सफारी परियोजना 2020 में शुरू की गई थी. कथित तौर पर इस परियोजना का की शुरुआत तब की गई, जब 2019 में मैन वर्सेस वाइल्ड के एपिसोड के लिए कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क के कालागढ़ वन क्षेत्र के पखरो रेंज पहुंचे पीएम मोदी ने इसका ऐलान किया था.

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने पर पेड़ों की कथित कटाई पर चुप रहने के लिए पीएम मोदी पर हमला किया था. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने मैन वर्सेज वाइल्ड एपिसोड में बेयर ग्रिल्स के साथ अपनी उपस्थिति के दौरान इस परियोजना की घोषणा की थी.

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रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण और वन मंत्रालय ने केवल 163 पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी, लेकिन 6093 पेड़ों को साफ कर देना राज्य के लिए भी आंखें खोलने वाली घटना थी. टाइगर सफारी क्षेत्र में अवैध निर्माण के मामले में दो आईएफएस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है.

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