दिल्ली से सटे नोएडा को उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाता है और इसी जिले के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तेजी से विकास करने पर जोर दिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी भी इसी क्षेत्र पर फोकस रख रही है. पिछले चार साल के दौरान 1946 औद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटित की गई है. इसमें से 189 बड़ी इकाइयां हैं जिन्हें 4 हजार वर्ग मीटर से अधिक जमीन दी गई है. इससे यहां 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया है. साथ ही इन कंपनियों के चलते 2.75 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
यमुना विकास प्राधिकरण जबरदस्त निवेश
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर एयरपोर्ट पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही इसका शिलान्यास भी होने वाला है. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एयरपोर्ट को लेकर निवेशकों का रुझान काफी बढ़ा है. यही वजह है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने बड़ी तादाद में यमुना विकास प्राधिकरण में निवेश किया है.
इन कंपनियों में वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, यंगटांग इलेक्ट्रानिक टेक्नोलॉजी इंडिया प्रालि, बॉडीकेयर, मतांड लिमिटेड, देव फार्मेसी, बीकानेरवाला फूड‘स प्रालि, हल्दीराम स्नैक्स प्रालि, होलास्टिक इंडिया लिमिटेड, बीईसी कनडक्टस प्रा. लि, क्वालिटी बिल्डिकॉन, राज कारपोरेशन लिमिटेड, गलवानो इंडिया प्रा. लि, अरिहंत, रॉमसंस साइंटिफिक एंड सर्जिकल इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड आदि शामिल हैं.
कोरोना काल में भी हुआ निवेश
हैरानी की बात यह है कि लगातार दो साल कोरोना की लहर और लॉकडाउन होने के बावजूद भी यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है और औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए जमीनें खरीदी हैं. कोरोना काल की बात करें तो इस दौरान पिछले साल 1 अप्रैल से अब तक यहां 1259 औद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटित की गई है. इसमें से 177 बड़ी कंपनियां हैं. अकेले कोरोना महामारी में ही 8000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.
यमुना प्राधिकरण के निवेश सेल के प्रभारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, एमएसएमई पार्क, टॉय सिटी के लिए योजना निकाली और उनका जमीन का आवंटन किया. इन उद्योगों से जुड़े लोगों ने इनमें खूब रुचि दिखाई.
कई प्रोजेक्ट पर काम जारी
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण अब जल्द ही दो और क्लस्टर बसाने जा रहा है. प्राधिकरण मेडिकल डिवाइस पार्क और डाटा सेंटर पार्क विकसित किया जा रहा है. मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 350 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है. जबकि डाटा सेंटर के लिए 200 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है. दोनों पार्क सेक्टर 28 में विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा यमुना प्राधिकरण में ही विशालकाय फिल्म सिटी बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है.