आगरा के श्री पारस अस्पताल में हुए हादसे पर समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए यूपी की बीजेपी सरकार को नसीहत दी है कि सरकार अपने खिलाफ खुद एफआईआर करे. अखिलेश यादव ने इस हादसे को चिकित्सा व्यवस्था पर बड़ा धब्बा बताया है.
उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि शासन और प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है. इससे पहले कांग्रेस ने भी योगी सरकार को हादसे पर घेरा है. दरअसल 'श्रीपारस अस्पताल आगरा' में ऑक्सीजन की कमी के मॉक ड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हादसे के सामने आने के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया है, वहीं संचालक के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है.
'श्रीपारस हॉस्पिटल' में हुए हादसे पर अब जमकर राजनीति हो रही है. सियासी पार्टियां सत्तारूढ़ सरकार को जमकर घेर रही हैं. समाजवादी पार्टी से पहले कांग्रेस योगी सरकार से तीखे सवाल पूछ चुकी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि बीजेपी सरकार में ऑक्सीजन और मानवता की भारी कमी है. वहीं प्रियंका गांधी ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत के लिए जिम्मेदार का नाम पूछा है.
आगरा के एक अस्पताल में ऑक्सीजन मॉकड्रिल में 22 लोगों की मौत की ख़बर बेहद दुःखद है। दिवंगतों को श्रद्धांजलि!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 8, 2021
ये घटना उत्तर प्रदेश की ‘चिकित्सा व्यवस्था’ पर एक बड़ा धब्बा है। शासन-प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाना घोर आपराधिक कृत्य है।
उप्र की भाजपा सरकार अब अपने ख़िलाफ़ FIR करे।
कैसे सामने आया केस?
हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें डॉक्टर को यह कहते सुना जा रहा है कि 26 अप्रैल को मरीजों की संख्या बढ़ गई थी, इस वजह से 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई थी, इससे 22 मरीजों की मौत हो गई. डॉक्टर ने अपनी आवाज होने की बात मानी है लेकिन आरोपों से इनकार कर दिया है.
राजनीतिक स्वार्थ पर बीजेपी का फोकस!
इससे पहले अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव पर कम अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन पर ज्यादा ध्यान दिया है. विशेषज्ञों की राय पर चलने के बजाय बीजेपी बर्बादियों का उत्सव मनाती रही. उसने हमेशा जनता को धोखे में रखा है. वैक्सीन को लेकर बीजेपी सरकार ने जैसी अनिर्णय भरी लापरवाही प्रदर्शित की है, उससे कोरोना संक्रमण का संकट ज्यादा बढ़ गया. बार-बार पैंतरा बदले जाने से जनता के मन में अविश्वास भी पैदा हुआ.