लखनऊ स्थित साइबर क्राइम सेल में गत दो वर्ष के दौरान 350 मामले सामने आ चुके हैं लेकिन इनमें से केवल 173 ही सॉल्व किए जा सके हैं. यही नहीं ऑन लाइन शॉपिंग लॉटरी फ्रॉड के मामलों में केवल 25 प्रतिशत मामले ही सॉल्व किए जा सके हैं.
लगातार बढ़ते साइबर क्राइम और इससे निपटने की सुस्त रफ्तार ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आलोचना का शिकार हो रही सूबे की अखिलेश यादव सरकार की चिंताएं और बढ़ा दी हैं. अखिलेश सरकार अब सूबे में साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक फुलप्रूफ योजना लेकर सामने आई है.
पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने एक प्रस्ताव शासन को भेजा है. इसके मुताबिक पूर्वी यूपी के सभी जिलों के साइबर क्राइम लखनऊ के साइबर सेल और पश्चिमी यूपी के जिलों के साइबर क्राइम आगरा के साइबर सेल में निपटाए जाएंगे.
लखनऊ और आगरा के साइबर सेल को साइबर थाने का रूप दिया जाएगा. इसके लिए जरूरी उपकरणों का इंतजाम करने के लिए एक करोड़ 28 लाख रुपये का प्रस्ताव पहले चरण में तैयार किया गया है. इससे साइबर क्राइम पर नजर रखने के लिए दस फोरेंसिक सॉफ्टवेयर और चार अन्य सॉफ्टवेयर खरीदे जाएंगे.
साइबर थाना बनने के बाद साइबर क्राइम से जुड़े सभी मामले संबंधित थानों में ही जन्म होंगे. अभी ये मामले सामान्य मामलों की भांति आम थानों में दर्ज होते हैं जहां से इन्हें साइबर सेल में भेज दिया जाता है. इन थानों में तैनात पुलिस कर्मी साइबर क्राइम के इन्वेस्टिगेशन में दक्ष होंगे.
पुलिस महानिदेशक ए. सी. शर्मा बताते हैं कि साइबर क्राइम के निपटने में दक्ष पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है, जल्द ही यूपी में साइबर क्राइम के मामलों को और तेजी से सॉल्व किया जा सकेगा.