केरल के नर्सिंग भर्ती घोटाले के एक मुख्य आरोपी को वापस लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इंटरपोल की मदद लेगा.
कोच्चि की एक एजेंसी पिछले कुछ समय से नर्सो को नौकरी पर कुवैत भेजने के लिए सेवा शुल्क के रूप में प्रत्येक से 19,500 रुपये की जगह 19.5 लाख रुपये वसूल रही थी. सीबीआई ने एजेंसी के मालिक उथुप वर्गीज से सोमवार को एजेंसी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा था.
एक अधिकारी ने कहा, 'नोटिस देने के बावजूद वह सीबीआई के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ, इसलिए उसे यहां लाने के लिए अब हम इंटरपोल की मदद लेंगे.' अधिकारी ने कहा, 'हां हमें पता चला है कि वह कुवैत में हैं.' नर्सों की भर्ती करने वाली इस एजेंसी ने अब तक लगभग एक हजार नर्सो की भर्ती को अंजाम दिया है.
निजी भर्ती एजेंसी के कार्यालय पर आयकर के छापे के बाद पिछले महीने केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच शुरू की है. इस एजेंसी ने कुवैत में नौकरी दिलाने के लिए नर्सो से भारी भरकम भर्ती शुल्क लिया. पिछले महीने आयकर विभाग के अधिकारियों को इस एजेंसी पर छापेमारी के दौरान बेहिसाब रकम मिली थी.
एक नर्स ने एजेंसी को पैसे चुकाने के बाद कुवैत जाकर नौकरी नहीं करने का फैसला लिया. पैसे वापस पाने के लिए जब उसने पीओई की मदद मांगी, तो वहां से उसे कोई जवाब नहीं मिला. इस घटना के बाद सीबीआई हरकत में आई.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.कलाम पाशा ने मामले की डायरी देखने के बाद हैरानी जताई और प्रोटेक्टर ऑफ एमिग्रेंट्स (पीओई) एल.एडॉल्फस को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया.
इनपुट: IANS