लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म ख़ान के विवादित बोल का मुद्दा सदन में छाए रहने के बाद आख़िर सोमवार को शांत हो गया. दरअसल, बीते गुरुवार को ट्रिपल तलाक बिल पर बहस के दौरान आज़म ख़ान ने उस वक्त चेयर पर बैठीं बीजेपी सांसद रमा देवी के लिए ऐसी टिप्पणी कर डाली जिसे लेकर सदन के अंदर और बाहर ख़ूब नाराज़गी देखने को मिली. पार्टी लाइन से हटकर महिला सांसदों ने आज़म ख़ान की टिप्पणी को अभद्र और आपत्तिजनक बताते हुए उनकी निंदा की.
शुक्रवार को भी ये मामला संसद के साथ ही बाहर भी खूब गूंजा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों से बात करके दो टूक कहा संदेश दिया कि आज़म खान या तो माफी मांगें वरना अपने ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. हालांकि आज़म ख़ान इस पूरे प्रकरण के दौरान ज़ोर देते रहे कि उनकी भावना गलत नहीं थी. साथ ही उनका ये भी कहना था कि वो रमा देवी को उसी वक्त अपनी बहन तक बोल चुके हैं, इसलिए माफी मांगने का सवाल नहीं उठता.
आज़म के इसी स्टैंड पर अड़े रहने की वजह से गुरुवार से ये मसला हंगामे की वजह बना रहा. टकराव की इस सूरत को ख़त्म करने के लिए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी नेताओं ने सोमवार को सदन की बैठक शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में चर्चा की. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ सांसद रामगोपाल यादव का कहना था कि आज़म ख़ान की भावना ग़लत नहीं थी लेकिन उनकी भाषा ग़लत थी, इसलिए उनको माफ़ी मांग कर इस मसले को ख़त्म करना चाहिए. रामगोपाल ने ये भी आगाह किया कि अगर आज़म ख़ान ऐसा नहीं करते तो बीजेपी इस मुद्दे को तूल देती रहेगी और अहम मुद्दों से ध्यान हटाने में कामयाब हो जाएगी.
असल में रामगोपाल का इशारा उन्नाव रेप पीडित से जुड़े मसले की ओर था, जिसे समाजवादी पार्टी संसद में उठाकर बीजेपी को घेरना चाहती थी. यही वजह है कि सोमवार को सदन में आज़म ख़ान ने जैसे ही माफ़ी मांगी वैसे ही अखिलेश ने इसी मुद्दे के साथ उन्नाव रेप पीड़ित का मामला उठा दिया.
इसी के साथ गुरुवार से चल रहे आज़म ख़ान एपिसोड पर सोमवार को सदन शुरू होते ही पर्दा गिर गया.