उत्तर प्रदेश में अपनी मूर्तियों को चुनाव आयोग के आदेश पर ढके जाने को कांशीराम की वसीयत का अपमान करार देने की मायावती की दलील पर कांग्रेस ने कहा कि देश में यह पहला मामला है जब किसी व्यक्ति ने सरकारी सम्पत्ति को अपने वसीयतनामे में शामिल किया है.
कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अलवी ने संवाददाताओं से कहा ‘मैंने काफी वकालत की है लेकिन मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा कि किसी शख्स ने सरकारी सम्पत्ति की ही वसीयत कर डाली हो, यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है.
;उन्होंने कहा ‘कोई व्यक्ति अपनी निजी सम्पत्ति को अपने वसीयतनामे में शामिल कर सकता है, सार्वजनिक सम्पत्ति को नहीं, लेकिन इस मामले में तो सार्वजनिक उद्यानों में अपनी और मुख्यमंत्री की मूर्तियां ही खड़ी करने की वसीयत कर दी गयी.’
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में जगह-जगह लगी मुख्यमंत्री की मूर्तियों को ढकवाने के चुनाव आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए इसे कांशीराम की वसीयत के खिलाफ बताया था.