पिछले डेढ़ सालों से सत्ता में हिस्सेदारी का इंतजार कर रहे राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot's Birthday) ने जन्मदिन के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास से दो सौ मीटर आगे जयपुर की सिविल लाइंस की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन किया. मंत्रिमंडल में फेरबदल और कांग्रेस में अपनी सही जगह की तलाश में लगे सचिन पायलट ने अपने 44वें जन्मदिन पर बड़ा जलसा निकाल संदेश देने की कोशिश की कि जनता में वह किस तरह से लोकप्रिय हैं. वहीं, गहलोत गुट ने इस जलसे से दूरी बनाई रखी.
कोरोना गाइडलाइन के बावजूद सचिन पायलट के समर्थकों ने सचिन पायलट के घर के बाहर बड़ी संख्या में जश्न मनाने लगे. पायलट थोड़ी-थोड़ी देर के लिए आकर अपने समर्थकों के उपहार और शुभकामनाएं स्वीकार कर रहे थे और फिर भीड़ को खत्म करने के लिए अंदर चले जा रहे थे. इसके बावजूद भीड़ लगातार बढ़ती गई. सचिन पायलट के समर्थक उनके समर्थन में लगातार नारेबाजी कर रहे थे. लोग 'हमारा मुख्यमंत्री कैसा है, सचिन पायलट जैसा हो'' के नारे लगाते हुए भी नजर आए.
पायलट के शक्ति प्रदर्शन पर क्या कह रहे एक्सपर्ट?
उधर, सचिन पायलट के जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि जिस तरह से वह मंत्रिमंडल में फेरबदल का इंतजार कर रहे हैं और अशोक गहलोत कर नहीं रहे हैं उस से तंग आकर उन्होंने आलाकमान को संदेश दिया है. वहीं, सचिन पायलट ने इस मौके पर अपने समर्थकों को इस तरह से जश्न मनाने के लिए धन्यवाद दिया.
गहलोत गुट ने बनाई दूरी
हालांकि, अशोक गहलोत गुट के ज्यादातर विधायक और मंत्रियों ने पायलट के जन्मदिन के जश्न से दूरी बनाए रखी. सचिन पायलट पर हमला बोलने वाले गहलोत गुट के विधायकों को पंचायत चुनाव में मिली करारी हार के बाद गहलोत गुट में मायूसी है. ऐसे में माना जारहा है कि राजस्थान में गहलोत और पायलट गुट में इस जलसे के बाद कड़वाहट और बढ़ सकती है.