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निकाय चुनाव में हारे केजरीवाल ने सिसोदिया को बनाया पंजाब का प्रभारी

फरवरी में हुए पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही थी, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था. पंजाब में आम आदमी पार्टी की वह बड़ी हार इसलिए थी, क्योंकि अंदाजा लगाया जा रहा था कि दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी को पंजाब में एक बड़ी सफलता मिल सकती है.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल)
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल)

पंजाब के निकाय चुनाव हारने बाद जागी आम आदमी पार्टी ने अब प्रदेश में नेतृत्व स्तर पर एक बड़ा बदलाव किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता, पीएसी के सदस्य और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया गया है. आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है.

फरवरी में हुए पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही थी, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था. पंजाब में आम आदमी पार्टी की वह बड़ी हार इसलिए थी, क्योंकि अंदाजा लगाया जा रहा था कि दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी को पंजाब में एक बड़ी सफलता मिल सकती है.

इससे पहले विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर सिमटी आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक और संजय सिंह ने प्रभारी पद से इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने पंजाब की कमान प्रदेश के ही नेतृत्व यानि भगवंत मान जैसे दूसरे नेताओं पर सौंप दी. विधानसभा चुनाव के हार की समीक्षा के दौरान पंजाब के नेताओं ने कहा था कि दिल्ली के नेतृत्व के ज्यादा दखल देने की वजह से आम आदमी पार्टी को पंजाब में हार मिली है, जिसके बाद पार्टी ने प्रदेश की कमान स्थानीय नेताओं के ही हवाले कर दी थी.

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इसके बाद पंजाब के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी सिर्फ 1 सीट ही जीत पाई और प्रदेश में उसका स्थानीय चुनाव में सूपड़ा ही साफ हो गया. कांग्रेस ने ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करके आम आदमी पार्टी की कमर तोड़ दी थी. अब निकाय चुनाव में पंजाब की हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने बड़ा फैसला करते हुए अपने खास मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है.

आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पंजाब का स्थानीय नेतृत्व आपसी राजनीति और लड़ाई के चक्कर में पार्टी की स्थिति को मटियामेट कर रहा है. ऐसे में अब नेतृत्व की कमांड स्थानीय नेताओं से लेकर दोबारा दिल्ली के नेतृत्व को सौंपी गई है. 

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