विपक्षी दलों का कहना है कि जब मोहसिन नकवी से बंद हॉल में कैप्टन सूर्यकुमार यादव हाथ मिला सकते हैं तो ट्रॉफी लेने से परहेज क्यों?सियासी वार-पलटवार इस पर भी हो रहा है कि सूर्यकुमार यादव ने टूर्नामेंट की सारी मैच फीस सेना और पहलगाम के शहीदों के नाम कर दी.